चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) 16-17 सितम्बर 2024 को रबी मौसम का कृषि मेला आयोजित करेगा. इस बार मेले का मुख्य विषय फसल अवशेष प्रबंधन होगा. कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार, इस मेले में किसानों को आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों की जानकारी दी जाएगी, जिसमें विशेष रूप से फसल अवशेष प्रबंधन पर जोर होगा.
मुख्य आकर्षण
- बीज, उर्वरक और कीटनाशक: मेले में विभिन्न कृषि निविष्टों और फार्म मशीनरी बनाने वाली कंपनियां भाग लेंगी. यहां किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक और कृषि उपकरणों की जानकारी मिलेगी.
- कृषि मशीनें और यंत्र: विभिन्न मशीनों और यंत्रों की कार्यप्रणाली और उनकी कीमत के साथ-साथ निर्माताओं की भी जानकारी दी जाएगी.
- रबी फसलों के उन्नत बीज: मेले में रबी फसलों के उन्नत बीज, बायोफर्टिलाइजर और कृषि साहित्य उपलब्ध होगा. सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बिक्री काउंटर भी लगाए जाएंगे.
मेले की अन्य गतिविधियां
- प्रश्नोत्तरी सभाएं: किसानों की कृषि, पशुपालन, और गृहविज्ञान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए प्रश्नोत्तरी सभाओं का आयोजन होगा.
- फसल प्रदर्शन: विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर खरीफ मौसम की फसलों का प्रदर्शन किया जाएगा और उनके उत्पादन में उपयोग की गई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी.
- वैज्ञानिक परीक्षण: मिट्टी, सिंचाई जल, और रोगी पौधों की वैज्ञानिक जांच की सुविधा भी किसानों के लिए उपलब्ध होगी.
- उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी: इस अवसर पर उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी.
- फसल प्रतियोगिताएं: विभिन्न फसल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा.
- हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम: किसानों के मनोरंजन के लिए दोनों दिन हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.
कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के वरिष्ठ संयोजक डॉ. जयलाल यादव ने बताया कि इस मेले में किसानों को कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त मशीनों और यंत्रों की जानकारी भी दी जाएगी.
स्थान और समय
यह मेला अनुसंधान फार्म, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, गेट नं. 3 के सामने बालसमंद सड़क मार्ग पर आयोजित किया जाएगा. हर साल आयोजित होने वाले इस मेले में हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से हजारों किसान भाग लेते हैं, और इसमें एग्रो-इंडस्ट्रियल प्रदर्शनी भी लगाई जाती है.