हरियाणा सरकार द्वारा लागू किए गए नए बीज एवं खाद कानून 2025 को लेकर प्रदेशभर में विरोध तेज़ हो गया है. इस कानून के विरोध में बीज और पेस्टीसाइड विक्रेताओं ने एकजुट होकर अपनी दुकानें बंद रखी हैं. अंबाला, टोहाना और कुरुक्षेत्र जैसे प्रमुख जिलों में व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. व्यापारियों का कहना है कि यह कानून पूरी तरह एकतरफा और अन्यायपूर्ण है, जिससे न केवल उनका व्यवसाय प्रभावित होगा, बल्कि किसानों तक जरूरी बीज और दवाइयां पहुंचाना भी मुश्किल हो जाएगा.
अंबाला में 1600 से अधिक दुकानों पर ताला, व्यापार ठप
अंबाला में लगभग 1600 बीज विक्रेताओं ने सोमवार को सामूहिक रूप से अपनी दुकानें बंद रखीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंबाला सीड, पेस्टीसाइड एंड फर्टिलाइज़र डीलर एसोसिएशन के प्रधान राजकुमार गुप्ता ने बताया कि नए कानून में पुलिस की भूमिका को शामिल करना एक डर का माहौल बना देगा. अब तक कृषि विभाग द्वारा बीज की गुणवत्ता की जांच होती थी और किसी खामी की स्थिति में मामला अदालत में जाता था, जहां दुकानदार को अपनी बात रखने का मौका मिलता था जिसमें दुकानदारों को राहत मिलती थी.
उन्होंने कहा कि बीज विक्रेता केवल निर्माता कंपनियों से बीज खरीदकर किसानों को बेचता है. ऐसे में बीज में कोई भी कमी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी निर्माता की होनी चाहिए. लेकिन नए कानून में दुकानदारों को भी दोषी ठहराया जा सकता है और पुलिस सीधे गिरफ्तारी कर सकती है. इतना ही नहीं, दोषी पाए जाने पर जमानत नहीं मिलेगी और जुर्माना भी कई गुना अधिक होगा.
टोहाना में व्यापारियों का सड़क पर विरोध प्रदर्शन, दुकानें रही बंद
टोहाना में हरियाणा सीड्स एंड पेस्टीसाइड्स एसोसिएशन के बैनर तले व्यापारियों ने कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. एसोसिएशन के प्रधान संदीप नैन की अगुवाई में लगभग 146 दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं और सरकार से कानून में संशोधन की मांग की.
संदीप नैन ने कहा, "सरकार ने ऐसा कानून बना दिया है जैसे बीज बेचने वाले आतंकवादी हों. अगर सैंपल फेल होता है तो दुकानदार को जेल भेज दिया जाएगा, जो पूरी तरह से गलत है." उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन भी हो सकती है.
कुरुक्षेत्र में भी दिखा विरोध का असर, पूरी तरह बंद रहा कारोबार
कुरुक्षेत्र में बीज उत्पादक, पेस्टीसाइड निर्माता और विक्रेता भी नए कानून के विरोध में हड़ताल पर रहे. सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया. व्यापारियों की ओर से हाल ही में कुरुक्षेत्र में एक राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सात दिन की सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया था.
किसानों पर भी पड़ेगा असर
व्यापारियों का कहना है कि इस कानून का असर सीधे किसानों पर भी पड़ेगा, क्योंकि अगर बीज और दवाइयों की दुकानें बंद रहीं तो खेती का काम रुक जाएगा. इससे खरीफ और रबी सीजन में किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.