हरियाणा के किसानों के लिए मौसम एक नई चुनौती लेकर आया है. राज्य में लगातार बढ़ रहे तापमान से रबी सीजन की प्रमुख फसलें प्रभावित हो सकती हैं. मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी के अंत तक दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे गेहूं, सरसों, जौं और आलू जैसी फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है.
ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने राज्य के किसानों के लिए बढ़ते तापमान के चलते जरूरी सलाह जारी की है. ताकि कृषक समय रहते अपनी फसलों की सुरक्षा कर सके.
मौसम में बदलाव का असर
हरियाणा में इन दिनों दिन का तापमान बढ़ रहा है, जबकि रात में हल्की ठंड बनी हुई है. शुक्रवार को रोहतक प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर हरियाणा में भी देखने को मिलेगा. 12 फरवरी के बाद उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण रात के तापमान में गिरावट आ सकती है, लेकिन दिन में तेज धूप फसलों के लिए चिंता का कारण बन रही है.
इन फसलों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
- गेहूं: गेहूं की फसल को ठंडे मौसम की जरूरत होती है. ज्यादा गर्मी से इसके दाने छोटे रह सकते हैं, जिससे उत्पादन घट सकता है.
- सरसों: तापमान बढ़ने से सरसों की फलियां जल्दी पक सकती हैं, जिससे दाने कमजोर हो सकते हैं.
- आलू: आलू की अच्छी पैदावार के लिए ठंडा मौसम जरूरी होता है. बढ़ता तापमान फसल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है.
- जौं: अधिक तापमान से जौं की बालियों का विकास प्रभावित हो सकता है, जिससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है.
किसानों के लिए जरूरी सलाह
मौसम विशेषज्ञों ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
- सिंचाई करते समय तापमान का ध्यान रखें और फसलों को अधिक पानी देने से बचें.
- खेतों में नमी बनाए रखने के लिए जैविक मल्चिंग का उपयोग करें.
- सरसों और गेहूं की फसलों को समय से पहले पकने से बचाने के लिए उचित पोषक तत्वों का छिड़काव करें.
- मौसम विभाग के अपडेट पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें.
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अगर तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो हरियाणा के किसानों को इस बार फसल नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में किसानों को सतर्क रहना होगा और वैज्ञानिक तरीकों से फसलों की देखभाल करनी होगी ताकि उत्पादन पर कम से कम असर पड़े.