हरियाणा सरकार का ताजा तानाशाही आदेश कि 'मोबाईल मैसेज आने पर ही फसल मंडी लाये किसान' एकदम अव्यहवारिक आदेश हैं और सरकारी अमले के कृषि ज्ञान के दिवालियापन को भी जाहीर करता हैं! क्योंकि प्रदेश की 13 मिलियन टन गेंहू उपज की कटाई और गहाई, मात्र 20 दिन में पूरी होती हैं जिस पर हर समय आग, वर्षा, आंधी-तूफान आदि का खतरा मंडराता रहता हैं इसलिए किसान जल्दी से जल्दी फसल उपज को मंडी में बेचकर, अपनी वर्ष भर की कमाई को सुनिशिचित करना चाहते हैं.
अब क्या सरकार ये बताने का कष्ट करेगी कि 10 एकड का किसान अपनी 250 किवंटल गेंहू उपज को सरकारी मोबाईल मैसेज आने तक कहा भंडारण करेंगा? फिर प्रदेश के लाखों किसानो को मोबाईल मैसेज कैसे आयेगा, क्योंकि उनके पास तो मोबाईल भी शायद नही होंगे और मेरे जैसे लाखों किसानों के पास सरकार मोबाईल मैसेज कैसे भेजेगी जिनकी रजिस्ट्रेशन पटवारी द्वारा भूमि रिकार्ड अपलोड नहीं करने की वजह से नही हो पायी और उचित माध्यम से शिकायत करने के बावजूद कोई प्रशासनिक कार्यवाही आजतक नही हुई.
इसलिए सरकार को इन अव्यहवारिक तानाशाही आदेशो को तुरंत प्रभाव से वापिस लेना चाहिए और कृषि मंडी की व्यवस्था को सुचारु करना चाहिए ज़िससे किसान को साहूकारों व बिचौलियो के शोषण से बचाया जा सके.
लेखक: Dr VIRENDER SINGH LATHER,M:9416801607, 0184-2256211
Former Principal Scientist(Genetics & Cytogenetics),
ICAR-Indian Agricultural Research Institute, New Delhi (India)
r/o Laal Kothi, Pritam Nagar, old GT Road, Karnal-132001(Haryana)