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Updated on: 4 March, 2023 1:00 PM IST
महिला दिवस के उपलक्ष्य में हथकरघा हाट का आयोजन

दिल्ली के जनपथ में जल्द ही हथकरघा हाट लगाया जायेगा. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार हथकरघा हाट, जनपथ, नई दिल्ली में एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसमें महिला हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों, उद्यमियों, डिजाइनरों द्वारा 75 स्टॉल लगाए जाएंगे. इनमें कई मास्टर शिल्पकार और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और महिलाओं द्वारा स्थापित/नेतृत्व वाले संगठन शामिल हैं.

हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र, देश की बड़ी आबादी, विशेषकर महिलाओं को रोजगार प्रदान करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक क्षेत्र है. इसके अलावा हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक भी हैं.

हथकरघा हाट का उद्देश्य और महत्व

आगंतुक सीधे बुनकरों और शिल्पकारों से असली हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुएं खरीद सकेंगे.

चंदेरी (महेश्वरी), पैठानी, कांचीपुरम साड़ियां, लखनवी चिकनकारी, कोटा डोरिया सहित प्रसिद्ध बुनाई और दस्तकारी साड़ियों/कपड़ों और चिकनकारी, बगरू/सांगानेर ब्लॉक प्रिंट, टाई एंड डाई की बिक्री.

आभूषण, कलमकारी, कोल्हापुरी चप्पल, हैंडबैग, क्लच, फैशन के सामान, लाख की चूड़ियाँ, बेंत और बांस की वस्तुएँ, टेराकोटा, ज़री और ज़रदोज़ी, कढ़ाई और क्रोशिया सहित फुलकारी, जूट वस्तुओं सहित दस्तकारी वस्तुओं की बिक्री.

लाइव प्रदर्शन और गतिविधि कॉर्नर - हथकरघा बुनाई, लाख की चूड़ी बनाना, कुम्हार का पहिया आदि.

महिला लोक, आदिवासी नर्तकियों और संगीतकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम/लाइव प्रदर्शन. पारंपरिक कठपुतली (कठपुतली) प्रदर्शन.

स्थिरता पर कार्यशालाएं; बुनकर डिजाइनरों के साथ बुनकर संबंध; उत्पाद विविधीकरण.

क्रेडिट सुविधा, बीमा सहित हथकरघा बुनकरों और शिल्पकारों के लिए उपलब्ध लाभों से संबंधित जानकारी का प्रचार-प्रसार करना.

पारंपरिक व्यंजन और स्वाद

यहां आपको बता दें कि हथकरघा और हस्तशिल्प परंपरागत रूप से महिलाओं के लिए स्वरोजगार, प्राकृतिक स्थानीय कच्चे माल, प्राकृतिक रंगों, पुनर्नवीनीकरण सामग्री आदि जैसे सभी मोर्चों पर सबसे टिकाऊ क्षेत्रों के रूप में स्थापित हैं, जो इकोसिस्टम में सभी तत्वों के बीच सामंजस्य बनाते हैं.  

हस्तशिल्प व हथकरघा क्षेत्र से 65 लाख लोगों को मिलती है आजीविका

हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र असंगठित क्षेत्र हैं, जो लगभग 65 लाख दस्तकारों और बुनकरों को आजीविका प्रदान करते हैं. इनमें देशभर में हथकरघा क्षेत्र में कार्यरत 25.46 लाख महिलाएं और हस्तशिल्प क्षेत्र में कार्यरत 20 लाख महिलाएं शामिल हैं. हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के उन व्यक्तियों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी किए जाते हैं जो किसी विशेष शिल्प का अभ्यास करते हैं.

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कमलादेवी चट्टोपाध्याय पुरस्कार से महिलाओं को किया गया सम्मानित

अब तक 20 महिला कारीगरों को शिल्प गुरु और 181 महिला कारीगरों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. हस्तकला के लिए वार्षिक रूप से 5 राष्ट्रीय पुरस्कार विशेष रूप से महिला कारीगरों के लिए आरक्षित हैं. 6 महिला बुनकरों को संत कबीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और 73 महिला बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कमलादेवी चट्टोपाध्याय पुरस्कार, विशेष रूप से महिला बुनकरों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है.

English Summary: Handloom Haat: International Women's Day will be celebrated by organizing a handloom haat, Ministry of Textiles took the initiative
Published on: 04 March 2023, 12:24 PM IST

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