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Updated on: 17 February, 2023 11:53 AM IST
पशुओं की नस्लेंSummary

New Delhi: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश के लगभग आधे से अधिक स्वदेशी पशुधन नस्लों को अभी तक वर्गीकृत नहीं किया गया है. कृषि क्षेत्र में पशुधन को और बढ़ावा देने के लिए इनकी पहचान करना बहुत ही आवश्यक है.

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) इस दिशा में काम कर रहा है और देश में अच्छे पशुओं की नस्लों की पहचान के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया गया है. देश के लगभग आधे पशुधन अभी भी अवर्गीकृत हैं. हमें जल्द से जल्द ऐसी अनूठी नस्लों की पहचान करनी होगी ताकि इन अवर्गीकृत नस्लों को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि देश में पशुधन की बड़ी संख्या में देशी नस्लें हैं, जिन्हें सभी क्षेत्रों में पहचानने की जरूरत है. इससे कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी.

आईसीएआर की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा, ऐसा काम आसान नहीं है और इसे राज्य के विश्वविद्यालयों, पशुपालन विभागों, गैर सरकारी संगठनों आदि के सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा, आईसीएआर ने इन सभी एजेंसियों के सहयोग से देश के सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का प्रलेखन शुरू कर दिया है. पूरी दुनिया इस समय पशुधन और पोल्ट्री क्षेत्र में भारत की विशाल विविधता को देख रही है. देश में पशु आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने और उनकी आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करने के प्रयासों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य और कृषि संगठन द्वारा भी सराहना की गई है.

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इस दौरान कृषि मंत्री ने 28 नई पंजीकृत नस्लों के पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरित किए. इनमें मवेशियों की 10, सुअर की 5, भैंस की 4, बकरी और कुत्ते की 3-3, भेड़, गधे और बत्तख की एक-एक नस्ल शामिल थी.

English Summary: half of India's livestock breeds are not classified, Agriculture Minister
Published on: 17 February 2023, 12:01 PM IST

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