Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 February, 2023 11:53 AM IST
पशुओं की नस्लेंSummary

New Delhi: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश के लगभग आधे से अधिक स्वदेशी पशुधन नस्लों को अभी तक वर्गीकृत नहीं किया गया है. कृषि क्षेत्र में पशुधन को और बढ़ावा देने के लिए इनकी पहचान करना बहुत ही आवश्यक है.

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) इस दिशा में काम कर रहा है और देश में अच्छे पशुओं की नस्लों की पहचान के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया गया है. देश के लगभग आधे पशुधन अभी भी अवर्गीकृत हैं. हमें जल्द से जल्द ऐसी अनूठी नस्लों की पहचान करनी होगी ताकि इन अवर्गीकृत नस्लों को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि देश में पशुधन की बड़ी संख्या में देशी नस्लें हैं, जिन्हें सभी क्षेत्रों में पहचानने की जरूरत है. इससे कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी.

आईसीएआर की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा, ऐसा काम आसान नहीं है और इसे राज्य के विश्वविद्यालयों, पशुपालन विभागों, गैर सरकारी संगठनों आदि के सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा, आईसीएआर ने इन सभी एजेंसियों के सहयोग से देश के सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का प्रलेखन शुरू कर दिया है. पूरी दुनिया इस समय पशुधन और पोल्ट्री क्षेत्र में भारत की विशाल विविधता को देख रही है. देश में पशु आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने और उनकी आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करने के प्रयासों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य और कृषि संगठन द्वारा भी सराहना की गई है.

ये भी पढ़ेंः देसी और जर्सी गाय की पूरी जानकारी, पढ़िए अंतर

इस दौरान कृषि मंत्री ने 28 नई पंजीकृत नस्लों के पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरित किए. इनमें मवेशियों की 10, सुअर की 5, भैंस की 4, बकरी और कुत्ते की 3-3, भेड़, गधे और बत्तख की एक-एक नस्ल शामिल थी.

English Summary: half of India's livestock breeds are not classified, Agriculture Minister
Published on: 17 February 2023, 12:01 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now