भारत में युवाओं की संख्या लगभग 60 प्रतिशत है, और इन युवाओं को पिछले कई सालों से रोजगार को लेकर बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए गुजरात सरकार की ओऱ से युवाओं को प्रोत्तसाहित करने के लिए गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भविष्य के कृषि-उद्यमी" पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
जिसमें गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी समेत कई लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का समय तकनीक का समय है और इस समय में युवाओं के पास काम करने के कई अलग- अलग अवसर हैं, इसलिए उन्हें इस दौर में नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर हिमांशु पंड्या ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहल के माध्यम से, राज्य सरकार के सहयोग से, हम छात्रों को सफेदपोश नौकरियों की तलाश के बजाय कृषि को अपने मुख्य पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं. हम किसानों तक पहुंच रहे हैं और साथ ही कृषि उत्पादों के लिए नए बाजारों की भी तलाश कर रहे हैं.
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गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई इस कार्यशाला का एक मात्र उद्देशय छात्रों को कृषि क्षेत्र में उद्यमी बनाना है. कृषि क्षेत्र में उद्यमी बनने की बात की जाए तो इस मौजूदा दौर में असीम संभावनाएं हैं जैसे कि प्राकर्तिक खेती, फलों की खेती, फूल की खेती, मछली पालन इत्यादि.