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Updated on: 25 October, 2024 5:51 PM IST
समुद्री शैवाल, सांकेतिक तस्वीर

किसानों की आय को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सरकार समय-समय पर कई तरह की स्कीम चलाती रहती हैं. ताकि देश के किसान सशक्त बन सके. इसी क्रम में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. दरअसल, सरकार ने भारत में जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं, जिससे समुद्री शैवाल उद्यमों को बढ़ावा मिल सके. इसके इस अधिसूचित का मुख्य उद्देश्य यह है कि पर्यावरण संरक्षण और जैव सुरक्षा बनी रह सके. साथ ही स्थिर आजीविका सुनिश्चित करना और मछुआरे समुदाय का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित हो सके.

अधिसूचित दिशा-निर्देश से विदेशों से उच्च गुणवत्ता की बीज सामग्री या जर्मप्लाज्म के आयात की सुविधा मिलेगी, जिससे किसानों को उत्तम बीज स्टॉक तक पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी. देश में अभी समुद्री शैवाल उद्यमों को व्यावसायिक रूप से मूल्यवान प्रजातियों के लिए पर्याप्त मात्रा में बीज की उपलब्धता और समुद्री शैवाल की प्रचलित प्रजाति कप्पाफाइकस के बीज की गुणवत्ता की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

समुद्री शैवाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाएं कदम

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) केन्द्र सरकार की प्रमुख योजना है जिसमें समुद्री शैवाल क्षेत्र में क्रांति लाने की परिकल्पना शामिल है. इसका लक्ष्य 2025 तक देश के समुद्री शैवाल का उत्पादन 1.12 मिलियन टन से बढ़ाना है. इसके अंतर्गत सरकार ने समुद्री शैवाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसी सिलसिले में तमिलनाडु में 127.7 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क की स्थापना की गई है.

अधिसूचित दिशानिर्देश में जीवित समुद्री शैवाल के आयात प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की गई है जिसमें जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए नियामक ढांचा, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना, शैवाल को कीटों और बीमारियों से बचाने की आवश्यक प्रक्रियाएं, संभावित जैव सुरक्षा के जोखिम मूल्यांकन तथा संबंधित निगरानी को और मजबूत करने के लिए आयात उपरांत निगरानी शामिल है.

यह दिशानिर्देश समुद्री शैवाल के दायित्वपूर्ण उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा और इससे पर्यावरणीय स्थिरता तथा आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा. नए समुद्री शैवाल की किस्मों के आयात से अनुसंधान और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे लाल, भूरे और हरे शैवाल प्रजातियों का विविधतापूर्ण उत्पादन बढ़ेगा. इससे समुद्री शैवाल प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन उद्यमों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और गांवों में अतिरिक्त आजीविका उत्पन्न होने के साथ ही देश से समग्र निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

दिशानिर्देशों के अनुसार भारत में जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए मत्स्य विभाग को एक विस्तृत आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है जिसपर भारतीय जल क्षेत्र में विदेशज जलीय प्रजाती लाने से संबंधित समिति द्वारा अनुमति दी जाएगी. इसके चार सप्ताह के भीतर विभाग आयात परमिट जारी करेगा जिससे गुणवत्तापूर्ण समुद्री शैवाल जर्मप्लाज्म का आयात हो सकेगा.  

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यह दिशानिर्देश सुरक्षित, सुचारू और दायित्वपूर्ण संचालन सुनिश्चित करते हुए भारत में जीवित समुद्री शैवाल के आयात की व्यापक नियामक प्रक्रिया ढांचा प्रदान करता है. भारत सरकार का मत्स्य पालन विभाग, शोधकर्ताओं, उद्यमियों और खेतिहरों को नए अवसरों का लाभ उठाने और समुद्री शैवाल उद्योग के विकास में योगदान के लिए प्रोत्साहित करता है.

English Summary: Guidelines notified for import of live seaweed into the country
Published on: 25 October 2024, 05:53 PM IST

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