केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आज नई दिल्ली, पूसा स्थित सी. सुब्रहमण्यम हॉल में ‘कर्मचारी संकल्प सम्मेलन’का वृहद आयोजन किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी सहित कृषि मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट सहित दोनों मंत्रालय के कर्मचारी-अधिकारी शामिल रहें.
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कर्मचारी-अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में हरेक दिन, हर क्षण अहम हैं, जनता की जिंदगी को बेहतर बनाने में सभी अपना योगदान दें. हमारा काम राष्ट्र निर्माण का है, एकजुट होकर टीम भावना से काम करने से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष इस सम्मेलन को ‘कर्मयोगी संकल्प सम्मेलन’का नाम दिया जाए, तो यह प्रसन्नता का विषय होगा. उन्होंने कहा कि कार्यालय में प्रत्येक भूमिका निभाने वाले कर्मचारी-अधिकारी महत्वपूर्ण हैं. मैं हर किसी की मानवीय गरिमा का सम्मान करता हूं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग, आईसीएआर और ग्रामीण विकास मंत्रालय की देश के विकास में अहम भूमिका है. खरीफ फसल के लिए हुए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान ने कृषि क्षेत्र के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है. इतने बड़े स्तर पर ऐसा अभियान पहले कभी नहीं हुआ है. वैज्ञानिकों की 2,170 टीमों ने गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद किया. 500 से अधिक शोध के विषय इस अभियान के माध्यम से उभर कर सामने आए. यह एक बड़ी उपलब्धि है.
शिवराज सिंह ने कहा कि आज अन्न के भंडार देश में भरे हुए हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं दलहन, तिलहन, कपास के उत्पादन में वृद्धि और प्राकृतिक खेती की दिशा में हमें और मजबूती से कदम बढ़ाना होगा. इसमें आप सभी का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर कृषि का रोडमैप तैयार किया जा रहा है. आशा है कि साझा प्रयासों से कृषि और अधिक उन्नति की ओर अग्रसर होगी.
केंद्रीय मंत्री ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लखपति दीदियों के विकास की भी बात कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 करोड़ लखपति दीदियां बनाने का लक्ष्य दिया था. गर्व और प्रसन्नता के साथ आप सभी को बताना चाहता हूं कि समय से पहले ही लखपति दीदियों की संख्या वर्तमान में करीब 2 करोड़ 80 लाख के करीब पहुंच चुकी हैं. यह एक असाधारण घटना है. जो महिलाएं घर की चारदीवारी में बंद थीं, आज वह आत्मनिर्भर बनकर अपनी पहचान स्थापित कर रही हैं. अब दीदियां मिलेनियर दीदी भी बन रही हैं.
शिवराज सिंह ने कहा कि गांवों में लोगों को घर उपलब्ध करवाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. 114 दिन के रिकॉर्ड समय में घर बनाकर देने का काम भी किया गया है. ग्रामीण सड़कों और आवास से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लालकिले के प्राचीर से कहा है कि ‘सरकार फाइल में नहीं जनता की लाइफ में दिखनी चाहिए.‘प्रधानमंत्री का यह संकल्प तभी पूरा हो सकता है जब हम ईमानदारी से जनता की सेवा में समर्पित रहें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शासकीय सेवा में आना सौभाग्य की बात है. आपको लोगों की जिंदगी में बदलाव का अवसर मिला है, इसका सदुपयोग करते हुए जनहित में अधिक से अधिक काम कीजिए. जब ईमानदारी और मेहनत से काम किया जाएगा तभी असल मायने में फाइलें जनता की लाइफ में दिखने लगेंगी.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि फाइलों के कामकाज को व्यावहारिक कार्रवाई में बदलते हुए ही बायोस्टियुमिलेंट के खिलाफ कदम उठाया गया है. जैव उत्तेजक के नाम पर जो 30 हजार दवाईयां बिक रही थीं, उस पर रोक लगाई गई. तीन स्तर पर आईसीएआर से प्रमाणित हुए बिना, कोई भी जैव उत्तेजक ना बिक पाए इसका प्रावधान किया गया है. ऐसे ही कार्य फाइल को लाइफ में प्रदर्शित करने का काम करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘इफेक्टिव गवर्नेंस’जरूरी है. नकली खाद-बीज और कीटनाशकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है. किसान इस समस्या से बेहद परेशान हैं. किसानों के साथ धोखा करने वालों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा.
शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र सर्वोपरि के ध्येय को बताते हुए कहा कि भारत ने सदैव अपनी मजबूत छवि दुनिया के सामने रखी है. भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’की भावना वाला देश है, लेकिन जब देशहित की बात हो तब हम अपना पक्ष मजबूती से रखना भी जानते हैं. प्रधानमंत्री के निर्णय से देश के किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित सुरक्षित हुए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को प्रधानमंत्री के स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के आह्वान को अपनाने की बात भी कही और साथ ही यथा संभव स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल के लिए संकल्प भी दिलवाया. उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से देश के जरूरतमंद वर्ग को रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
अंत में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी कर्मचारियों-अधिकारियों से व्यक्तिगत जीवन पर भी ध्यान देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि व्यस्तताओं के बीच अपने लिए, अपने बच्चों के लिए और परिवार के लिए भी समय अवश्य निकालें. कार्यालय के कामकाज और निजी जीवन के बीच संतुलन स्थापित करते हुए आगे बढ़िए, यही असली जीवन जीने का फॉर्मूला है.
उन्होंने कहा कि जीवन जीने के तीन दृष्टिकोण होते हैं एक दुखी होकर काम करने का दृष्टिकोण, दूसरा संतुष्ट रवैये के साथ काम करने का तरीका और तीसरा प्रसन्नता, ऊर्जा व मेहनत के साथ आगे बढ़ने का दृष्टिकोण. तीसरा दृष्टिकोण जिंदगी में बदलाव की नई कहानी लिख सकता है.