नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 28 May, 2021 1:05 PM IST
Wheat Purchasing

बतौर पाठक जब आपकी निगाहें उपरोक्त शीर्षक पर गई होगी, तो एकाएक आप विचारों के सैलाब में सराबोर हो गए होंगे. निसंदेह, आपका विचारों के सैलाब में सराबोर होना वाजिब भी है, वो भी खासकर ऐसे समय में जब कई किसान संगठनों द्वारा कृषि कानून लागू से ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ खत्म हो जाएगा. सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाजों की खरीद को बंद कर देगी, लेकिन खाद विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़े इस बात को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं. खाद विभाग के आंकड़े यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कृषि कानून के लागू होने के बाद भी ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर अनाजों की बिक्री बंद नहीं होगी  और ना ही मंडी व्यवस्था बंद होगी. सरकार की तरफ से ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर किसानों की फसलों को खरीदना जारी रहेगा. 

जरा डालिए इन आंकड़ों पर नजर

बतौर किसान आप इस बात से अवगत होकर हर्षित होंगे कि इस वर्ष सरकार ने ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर इतनी मात्रा में अनाजों की खरीद की है, जिससे सरकार के सारे पूर्ववर्ती रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं. इस वर्ष मोदी सरकार की तरफ से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 427.36 लाख मिट्रिक टन अनाज की खरीद की गई है और अभी तो कई राज्यों में खरीद का सिलसिला जारी है. 

विगत वर्ष केंद्र सरकार की तरफ से कुल 398.58 लाख टन अनाजों की खरीद की गई थी. अभी कुछ राज्यों में 30 जून तो कुछ राज्यों में 30 जुलाई तक एमएसपी पर अनाजों की खरीद जारी रहेगी. बहरहाल, अभी तक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाजों को खरीद कर अपने पूर्ववर्ती कीर्तिमान को ध्वस्त करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इससे पहले कांग्रेस के शासनकाल में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 2012-2013 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाजों की खरीद 382 लाख टन गेहूं की खरीद की थी. बता दें कि विगत एक अप्रैल से एमएसपी पर गेहूं की खरीद जारी है. वहीं, यास तूफान को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के 15 जिलों में गेहूं की खरीद को स्थगित कर दिया है. दो दिनों के बाद यहां गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी.

माफी मांगे ये लोग

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली ने कहा कि ऐसे सभी लोगों को सरकार समेत किसानों से माफी मांगी चाहिए, जो लगातार अपनी सियासत चमकाने के लिए यह कहते नहीं थक रहे थे कि इन कृषि कानून से अनाजों की एमएसपी पर खरीद बंद हो जाएगी. यह लोग किसानों को भरमाने के लिए यहां तक कर रहे थे कि सरकार इन कानूनों के लागू होने के बाद एमएसपी को ही खत्म कर देगी. मगर, खाद विभाग के यह आंकड़े इस बात की तस्दीक करने के लिए पर्याप्त हैं कि सरकार की ऐसी कोई भी मंशा नहीं है. अब ऐसे लोगों को सरकार से माफी मांगनी चाहिए.

पंजाब को मिलता है सर्वाधिक लाभ

पंजाब शुरू से ही कृषि कानून आंदोलन का प्रणेता के रूप में दिखा है. आखिर हो भी क्यों न, चूंकि एमएसपी पर अनाजों की खरीद का सर्वाधिक लाभ इसी राज्य को मिलता है, जिसकी वजह से यह कृषि कानून का अगुवाई कर रहा है, मगर खाद विभाग के यह आंकड़े एमएसपी के खत्म करने की बात को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं.

English Summary: Govt made a big record on purchasing the wheat on MSP
Published on: 28 May 2021, 01:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now