किसानों को बोरवेल दोबारा लगाने की सुविधा दी गई है. बता दें कि 22 अक्टूबर 2018 के बाद भी हिमाचल में बोरवेल नहीं लगाए गए थे. उच्च न्यायालय ने विभाग को भूजल नियमन, नियंत्रण एवं प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत बनाए गए नियमों एवं नीतियों का पालन करने का आदेश दिया था. इनका अध्ययन कर विभाग ने इन नियमों में संशोधन किया और अब एक बार फिर किसानों को बोरवेल लगाने की सुविधा दी गई है. राज्य भू-जल प्राधिकरण ने इसके लिए 16 अगस्त 2021 से नोटिफिकेशन जारी किया था.
कहां करें आवेदन?
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सभी किसान http://hpiph.org/ की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इस उपहार का लाभ उठा सकते हैं.
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किसान साल में किसी भी वक़्त और कभी भी आवेदन कर सकते हैं.
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जहां पहले एक रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था वहीं अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ने टाइम की बचत के साथ काम भी आसान कर दिया है.
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पहले किसान ऑफलाइन आवेदन कर सकते थे वहीं अब केवल ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किये जाएंगे.
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पिछले साल ऑफलाइन आवेदन करने वाले सभी किसानों की जमा राशि वापस होगी और उन्हें दोबारा ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
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पिछले साल किसानों ने बोरवेल लगाने के लिए ड्राफ्ट के रूप में 5 हजार रुपये की राशि जमा की थी, लेकिन बोरवेल पर प्रतिबंध के कारण किसानों के बोरवेल नहीं लगाए गए हैं.
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ऐसे में भू-जल प्राधिकरण विभाग भी इन किसानों का पैसा लौटा रहा है, ताकि ये किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकें.
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कोई भी व्यक्ति कृषि, उद्योग और अन्य कार्यों के लिए बोरवेल लगवा सकता है. बोरवेल लगाने से मैदानी क्षेत्रों के किसानों की पानी की समस्या दूर हो जाती है और किसान समय-समय पर अपनी फसलों को पानी उपलब्ध करा सकते हैं. इससे मैदानी क्षेत्रों के सैकड़ों किसानों को लाभ मिलेगा.