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Updated on: 13 December, 2021 2:00 PM IST
exports in Odisha

किसानों की आय को सुनिश्चित करना और समय के साथ या यूँ कहें की बढ़ती महंगाई को देखते हुए उसे समय-समय पर बढ़ाते रहना किसी भी देश और ख़ास कर भारत जैसे देशों के लिए बहुत आवश्यक है. ये इसलिए क्यों की आज भी देश की आर्थिक स्थति कृषि कार्य और किसानों पर ही निर्भर है. भारत एक कृषि प्रधान देश है. देश के अलग-अलग कोने में अलग तरह की खेती अलग-अलग तरीकों से की जाती रही है.

वहीं अगर ओडिशा की बात करें तो कृषि आय के मुकाबले में ओडिशा राज्य के किसानों की आय कम आय वाले किसानों की सूची में दर्ज  है. इसलिए ओडिशा में निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.  इसी के तहत भुवनेश्वर में संयुक्त विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के कार्यालय में निर्यात प्रोत्साहन पर एक क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित की गई है.  

इस अवसर पर पहुंचे, एमएसएमई विभाग के प्रधान सचिव सत्यव्रत साहू ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि कैसे ओडिशा की विशाल निर्यात क्षमता के बावजूद, बुनियादी ढांचे के समर्थन की कमी के कारण पूर्वी राज्य कई अन्य लोगों से पिछड़ हुआ है.

वहीं अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो ओडिशा से अगर एक्सपोर्ट हब बनता है तो किसानों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा. आपको बता दें कि भारत से कृषि निर्यात में काफी उछाल देखा जा रहा है. 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक्सपोर्ट का आंकड़ा 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस वित्त वर्ष में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. एपीडा के माध्यम से 37 कृषि और प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात किया जाता है.

वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में एपीडा ने 8.51 अरब डॉलर का निर्यात किया था. इस बार यह 10 अरब डॉलर तक पुहंच गया है. गेहूं, मक्का, मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में काफी तेजी देखी गई है.

निर्यात के लिए विकास है जरूरी

ओडिशा में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अब अनेकों कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने विदेशों से सीधे हवाई संपर्क, पारादीप बंदरगाह पर शिपिंग लाइनर्स की उपलब्धता और अन्य बंदरगाहों के विकास पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि ओडिशा से निर्यात बढ़ाने के लिए पारादीप, गोपालपुर और धामरा में बंदरगाह महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि यह झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तर पूर्व क्षेत्र जैसे भूमि-बंद राज्यों की जरूरतों को भी पूरा करेगा.

स्टार्टअप आर्थिक विकास में करेगा मदद

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एम अंगमुथु ने चालू वित्त वर्ष में देश से 400 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात लक्ष्य पर अध्यक्ष पर जोर देते हुए कुल वैश्विक व्यापार में चावल का योगदान लगभग 40 फीसदी का होता है. इसलिए ओडिशा में कृषि और समुद्री उत्पाद के निर्यात की आपार संभावनाएं हैं. विकास आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य के बीच समन्वय के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि स्टार्टअप आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण साधन होगा.

महामारी के बाद मिली अच्छी उछाल

इसके अलावा, उद्योग के प्रधान सचिव हेमंत शर्मा ने कहा कि ओडिशा औद्योगीकरण में बहुत सक्रिय है और बुनियादी ढांचे का उन्नयन इसका निरंतर प्रयास रहा है. उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर में समुद्री भोजन पार्क और आईटी पार्क के साथ-साथ परीक्षण प्रयोगशालाएं सरकार द्वारा हाल ही में की गई पहल हैं. केंद्र में वाणिज्य विभाग के आर्थिक सलाहकार सी वनलालरामसंगा ने भारत के व्यापारिक निर्यात की व्याख्या करते हुए कहा कि यह महामारी के बाद की अवधि में उच्च विकास दर से बढ़ रहा है.

निर्यात में बढ़ेगा मौका

वनलालरामसंगा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इसका हिस्सा केवल 1.7 प्रतिशत है जो दर्शाता है कि देश से माल के निर्यात की जबरदस्त गुंजाइश है.  कुछ पूर्वी और उत्तर पूर्व राज्यों जैसे असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय, सिक्किम, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड ने कार्यशाला में भाग लिया. इस दौरान डब्ल्यूओडीसी के अध्यक्ष असित त्रिपाठी, हथकरघा और कपड़ा सचिव शोभा सरमा और एपीडा के निदेशक तरुण बजाज भी उपस्थित थे और उन्होंने भी इस दौरान अपनी राय रखी.

English Summary: Government takes steps to increase exports in Odisha, farmers will benefit
Published on: 13 December 2021, 02:01 PM IST

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