मशरूम ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. इसमें कई पोषक तत्व जैसे अमीनो एसिड, प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थ आदि मौजूद होते हैं, जो आमतौर पर अन्य सब्जियों में नहीं पाए जाते हैं. यह सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं.
मशरूम में विटामिन-बी और सी की अच्छी मात्रा होती है, जो बेरीबेरी, हृदय रोगियों और बच्चों के स्वस्थ दांतों के लिए अच्छे होते हैं. नियासिन जैसे अम्ल और मशरूम में पाए जाने वाले पेंटाथेनिक त्वचा रोगों के लिए अच्छे होते हैं. मशरूम का सेवन एनीमिया को ठीक करने में बहुत सहायक होता है, लेकिन मशरूम सेहत के साथ – साथ आमदनी के लिए भी बहुत अच्छा श्रोत है.
मशरूम की खेती (Mashroom Cultivation) से किसानों की आमदनी में अच्छी बढ़ोत्तरी होती है. इसकी खेती की तरफ हिमाचल के किसानों का रुझान काफी बढ़ रहा है. अब तक जम्मू राज्य में करीब 17 हजार क्विंटल मशरूम की पैदावार हो रही है.
मशरूम के खेती के लिए किसानों की बढ़ती रूचि और बढ़ती पैदावार को देखते हुए राज्य सरकार भी किसानों को जागरूक कर रही है. दरअसल, राज्य सरकार किसानों मशरूम शेड बनाने के लिए सब्सिडी (Subsidy For Making Mushroom Shed ) प्रदान कर रही है. इसके अलावा सरकार किसानों को जैविक खाद भी मुहैया करा रही है. कृषि विभाग किसानों को फसलों की बुवाई के साथ-साथ मशरूम उगाने के लिए प्रेरित कर रहा है.
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मशरूम की खेती से बढ़ेगी आय (Mushroom Farming Will Increase Income)
सरकार का मानना है कि निर्यात सहित राज्य के भीतर और राज्य के बाहर मशरूम की मांग बढ़ रही है और यह उद्यमी उत्पादकों के लिए बड़े पैमाने पर खेती करने के लिए बेहतर संभावनाएं प्रदान करता है.
साथ ही मशरूम की खेती से महिला सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगी, क्योंकि मशरूम की खेती एक इनडोर गतिविधि है. इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी जो उनकी आर्थिक स्तिथि में सुधार करेगी.