केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सोमवार को पूर्वोत्तर भारत में दो दिवसीय मिजोरम राज्य के दौरे पर पहुंचे. राजधानी आइजोल एयरपोर्ट पहुंचने पर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं एवं कृषि अधिकारियों ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का स्वागत किया.
उसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी मिज़ोरम के आइज़ोल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय के 24वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और बहु प्रौद्योगिकी परीक्षण केंद्र का उद्घाटन कर किसानों एवं किसान संघ प्रमुखों से संवाद किया.
कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है. उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के कृषि क्षेत्रों में चल रही केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र जलवायु विविधता के साथ-साथ संसाधन युक्त और अपार क्षमता वाला है जो देश और विश्व के निर्माण में सहयोग कर सकता है. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में कृषि और पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के काफी अवसर हैं. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को जैविक खेती के हब के रूप में विकसित करने का दृष्टिकोण अपनाया है. उन्होंने कहा कि यहां बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए आपार संभवनाएं है, जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक खुशहाली आ सकती है.
पूर्वोत्तर के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार
कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने से पहले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने पहले राजधानी आइजोल में स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष वनलाह मुआखा के साथ पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से संवाद किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे पर दो मिनट का मौन रख दिवंगत जनों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 8 सालों में पूर्वोत्तर में शांति लाने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और इस क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के लिए अनेक प्रयास किए हैं. पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, खानपान और वेशभूषा को पूरा देश अपनी धरोहर मानता है और इस क्षेत्र की पहचान को बचाए रखने और इसके संवर्धन के लिए मोदी सरकार प्रयासरत है.