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Updated on: 26 March, 2020 11:21 PM IST

लगातार घट रहे जल संसाधनों को देखते हुए टपक सिंचाई को भविष्य की सिंचाई प्रणाली कहा जा सकता है. वैसे भारत में कई राज्य सरकारें उन्नत खेती को बढ़ावा देने के लिए टपक सिंचाई को बढ़ावा दे रहे हैं. गुजरात और महाराष्ट्र में तो इस प्रणाली पर अच्छा काम हुआ है. यहां किसानों ने टपक सिंचाई तकनीक के सहारे उत्पादन बढ़ाया है. हालांकि उत्तर भारत में भी किसानों ने टपक सिंचाई को अपनाना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी इस दिशा में बहुत काम किया जाना बाकी है. शायद यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार इसके लिए सब्सिडी दे रही है.

करना होगा आवेदन
टपक सिंचाई विधि को प्रदेश में फैलाने के लिए प्रदेश सरकार सब्सिडी दे रही है. इसलिए यदि आप ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करना चाहते हैं, तो इस लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं. उद्यान विभाग की तरफ से आपको सहायता मिलेगी.

मिल रहा है 90 प्रतिशत का सब्सिडी
योजना से लघु सीमांत किसानों को जोड़ने के लिए सरकार उन्हें 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है, जबकि सामान्य किसानों को भी 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है.

टपक सिंचाई के फायदे
ड्रिप सिंचाई (टपक सिंचाई) व स्प्रिंकलर विधि के सहारे पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है. साथ ही अन्य अनचाहे घास-फूस से भी राहत मिलती है, जिससे किसानों का खर्चा बचता है.

कौन ले सकता है लाभ
इस योजना का लाभ प्रदेश का कोई भी किसान ले सकता है. हर वर्ग का किसान इसके लिए मान्य है, बस योजना का लाभ लेने के लिए आपके पास खुद की जमीन होनी चाहिए.

किन उत्पादों पर मिल रहा है सब्सिडी
पर ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरीगेशन योजना के तहत किसानों को उद्यान विभाग द्वारा स्प्रिंकलर पोर्टेबल, ड्रिप इरिगेशन, रेनगन आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना के सहारे कम से कम पानी में फसलों की अच्छी उपज होगी. किसानों को स्प्रिंकलर पोर्टेबल, ड्रिप इरीगेशन और रेनगन आदि लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.

क्या है प्रक्रिया
गौरतलब है कि योजना के अंतर्गत किसान किसी भी कंपनी के उत्पाद खरीद सकते हैं. उत्पादों को खरीदने के लिए पहले अपनी जेब से पैसा किसानों को लगाना होगा. बिल और वाउचर दिखाने के बाद विभाग से सब्सिडी की धनराशि मिलेगी.

English Summary: government giving subsidy on drip irrigation know more about it
Published on: 26 March 2020, 11:25 PM IST

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