गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर शुगर मिल और सरकार इस समय केंद्र काफी सतर्क हो रही है केंद्र सरकार आम चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी दूर करना चाहती है इसलिए गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए आम बजट से पहले चीनी मिलों को एक और राहत पैकेज दे सकती है।इसके साथ ही सरकार शुगर मिलों को 10000 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे सकती है. इसके अलावा सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव में भी बढ़ोतरी करने की तैयारी में है. सूत्रों के हवाले से केंद्र सरकार पांच साल के लिए 6 फीसदी ब्याज पर चीनी मिलों को कर्ज देगी। यह कर्ज चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए दिया जायेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव को 29 रुपये से बढ़ाकर 32 रुपये प्रति किलोग्राम कर सकती है। इससे शुगर मिलों को काफी राहत मिलेगी साथ ही किसानों को भी इससे राहत मिलेगी।इस चालू पेराई सीजन में बकाया 11,000 करोड़ हो चुका है
एक तो पहले से ही चीनी मिलों पर बकाया भुगतान का दबाव है और इस साल का भी गन्ना किसानों का बकाया बढ़ता ही जा रहा है । उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की चीनी मिलें गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान समय से नहीं कर पा रहीं है। जिसकी वजह से चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में अभी तक बकाया बढ़कर करीब 11 हजार करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। माना जा रहा है कि स्थिति अगर ऐसे ही बनी रही तो अप्रैल तक बकाया बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सीजन का भी बकाया बचा हुआ है। यदि सरकार चीनी मीलों को राहत देती है तो बकाया भुगतान में काफी राहत हो सकती है.