जायटॉनिक गोधन: लाभकारी जैविक खेती और पशुपालन के लिए आधुनिक समाधान Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ! खुशखबरी! 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह, ऐसे कराएं किसान रजिस्ट्रेशन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 11 January, 2019 11:44 AM IST

गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर शुगर मिल और सरकार इस समय केंद्र काफी सतर्क हो रही है केंद्र  सरकार आम चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी दूर करना चाहती है इसलिए गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए आम बजट से पहले चीनी मिलों को एक और राहत पैकेज दे सकती है।इसके साथ ही सरकार  शुगर मिलों को 10000 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे सकती है. इसके अलावा सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव में भी बढ़ोतरी करने की तैयारी में है.  सूत्रों के हवाले से केंद्र सरकार पांच साल के लिए 6 फीसदी ब्याज पर चीनी मिलों को कर्ज देगी। यह कर्ज चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए दिया जायेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव को 29 रुपये से बढ़ाकर 32 रुपये प्रति किलोग्राम कर सकती है। इससे शुगर  मिलों को काफी राहत मिलेगी साथ ही किसानों को भी इससे राहत मिलेगी।इस  चालू पेराई सीजन में बकाया 11,000 करोड़ हो चुका है

एक तो पहले से ही चीनी मिलों पर बकाया भुगतान का दबाव है और इस साल का भी गन्ना किसानों का बकाया बढ़ता ही जा रहा है । उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की चीनी मिलें गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान समय से नहीं कर पा रहीं है। जिसकी वजह से चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में अभी तक बकाया बढ़कर करीब 11 हजार करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। माना जा रहा है कि स्थिति अगर ऐसे ही बनी रही तो अप्रैल तक बकाया बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सीजन का भी बकाया बचा हुआ है। यदि सरकार चीनी मीलों को राहत देती है तो बकाया भुगतान में काफी राहत हो  सकती है.

English Summary: Government can give relief to sugar mills
Published on: 11 January 2019, 11:48 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now