वर्षा ऋतु में मवेशियों की वैज्ञानिक देखभाल एवं प्रबंधन Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ! खुशखबरी! 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह, ऐसे कराएं किसान रजिस्ट्रेशन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 29 May, 2022 10:00 PM IST
Rabi Crop MSP

देश के किसान भाईयों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए सरकार रबी फसल के अंतिम चरण को देखते हुए राज्य सरकार किसानों से गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही हैं. हरियाणा में गेहूं की एमएसपी पर किसानों से खरीद अभी जारी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के किसानों से अब तक 41,40,135 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है और वहीं किसानों के खाते में 7513.62 करोड़ रुपए आ चुके हैं.

सरकार किसानों से गेहूं की फसल खरीदेगी

सूत्रों के मुताबिक, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के संबंध में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार किसानों से गेहूं का एक-एक दाना खरीदने के लिए तैयार है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, किसानों की फसल का भुगतान भी सही समय पर उनके खातों में भेजा जा रहा है. अभी तक किसानों के खाते में 7513.62 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं. एक बयान में डिप्टी सीएम, जो खाद्य, आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की देखरेख भी करते हैं. उन्होंने बताया कि, 1 अप्रैल से लेकर 15 मई 2022 तक सरकार ने 41,40,135 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की. फिर दोबारा खरीद 16 मई से शुरू की है और 23 मई तक 6441 टन गेहूं खरीदा जा चुका है. यानी कुल 41,46,576 मीट्रिक टन गेहूं सरकार अभी तक खरीद चुकी है.

किसानों को फसल का भुगतान सही समय पर मिला

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा की सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिए थे कि, गेहूं की खरीद करने के बाद 72 घंटो मैं किसानों का भुगतान उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए. इसलिए सरकार ने गेहूं की खरीद के बाद 7513.62 करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं.

मंडियों में सरसों खरीद  की तैयारी

सरसों की खरीद को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, इस बार सरसों की खरीद लगभग 92 मंडियों में तैयारी की गई थी. जबकि गेहूं के लिए 411 मंडियां, चना के लिए 11, और जौ के लिए 25 मंडिया. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि,  राज्य सरकार ने अपने वादे के मुताबिक रबी फसलों की एमएसपी पर खरीद की जा रही है. सरसों का 5,050 रुपए प्रति क्विंटल, गेहूं को 2,015 रुपए प्रति क्विंटल, चना को 5,230 रुपए प्रति क्विंटल और जौ को 1,635 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है.

बंद हो सकती है न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद

मिली जानकारी के मुताबिक, 31 मई 2022 तक ही किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ का फायदा उठा सकते हैं. उसके बाद रबी फसलों की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बंद कर दी जाएगी. आपको बता दें कि, राज्य सरकार के द्वारा पहले 15 मई तक ही न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन किसानों की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया है. इस विषय में केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए बताया कि अब गेहूं की सरकारी खरीद 31 मई 2022 तक की जाएगी.

इन राज्यों के किसानों को होगा फायदा

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के सचिव पत्र के मुताबिक, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर रबी फसल खरीद की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया गया है. ये ही नहीं केंद्र सरकार के आदेश से पहले ही मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों में गेहूं खरीद की समय सीमा को बढ़ा दिया गया था. जिससे किसान भाईयों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके.

कम हुई MSP पर गेहूं की खरीद

इस बार गेहूं का अच्छा उत्पादन प्राप्त होने पर देश के किसानों को बाजार में काफी अच्छे भाव मिल रहे हैं. इसलिए किसान अपने गेहूं को सरकारी मंडियों में बेचना कम पसंद कर रहे हैं. क्योंकि व्यापारी उनके गेहूं सरकारी मंडियों से ऊंचे दामों पर खरीद रहे हैं. देखा जाए तो बीते कुछ दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व भर में गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी देखाने को मिली. भारत में भी गेहूं की कीमतें बढ़ी जिसे देखते हुए भारत सरकार ने इसके निर्यात पर तुरंत रोक लगा दी. जिसके चलते गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में सबसे आगे रखा हुआ है.

English Summary: Government bought Rabi crop at minimum support price, farmers got Rs 7513.62 crore
Published on: 29 May 2022, 04:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now