सरकार ने आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र (voter id card) से जोड़ने के नियम जारी कर दिए हैं. मतदाताओं के लिए अपने आधार कार्ड की जानकारी साझा करना उनकी इच्छा पर निर्भर होगा, लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों को कोई ठोस वजह बतानी होंगी. आपको बता दें कि चुनाव आयोग से चर्चा के बाद कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर इस संबंध में जानकारी दी है.
सरकार ने इसके साथ ही पिछले साल पारित चुनाव सुधारों को लागू करने की भी बात कही है. जिसके नए नियमों के तहत, 1 अप्रैल 2023 या उससे पहले तक वोटर लिस्ट में जिनके भी नाम हैं, उन्हें अपना आधार नंबर बताना होगा. इसके लिए फॉर्म 6B का इस्तेअमाल होगा. अगर मतदाता अपना आधार नंबर न देना चाहे, तो उन्हें लिखकर देना होगा कि उनके पास आधार कार्ड या इससे जुडी जानकारी उबलब्ध नहीं है.
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1 अगस्त से आधार लिंक के साथ और क्या बादलाव होंगे
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फर्स्टस-टाइम वोटर के लिए रजिस्ट्रेवशन की चार क्वारलिफाइंग तारीख होंगी यानि कि पहली बार वोट देने वाला व्यक्ति साल में चार बार रजिस्ट्रेशन करा सकेगा.
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अभी तक केवल पुरुष के सर्विस में होने पर पत्नी को पति के सर्विस क्षेत्र में वोट डालने का अधिकार था, लेकिन अब यह जेंडर न्यूट्रल हो गया है.
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नए वोटर रजिस्ट्रेशन के इलेक्ट्रॉ्निक फॉर्म्स में आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा और ना ही पते में बदलाव वगैरह के लिए आधार को अनिवार्य बनाया जाएगा.