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Updated on: 18 May, 2020 3:13 PM IST
Paddy Farming

 विगत कुछ वर्षों से देश का लगभग एक चौथाई हिस्सा सूखे की चपेट में है, बारिश का नाम-ओ-निशान नहीं. धान की फसल बुरी तरह से प्रभावित हो रही है पानी की कमी से खेत बंजर हो रहे हैं. ऐसे में किसानों को अब किसी और कम पानी की खपत वाली फसल मसलन दलहन, तिलहन, सब्जियों और मक्के की फसल पर फोकस करने की जरूरत है. 

इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारें प्रोत्साहन राशि भी मुहैया करा रही हैं. इसी क्रम में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ‘मेरा पानी-मेरा विरासत’ योजना लॉन्च की है. उन्होंने किसानों को फसल विविधिकरण को अपनाने पर जोर देते हुए कहा है कि डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रचार हेतु जल्द ही वेब पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर किसान अपनी समस्याएं उठा सकेंगे.

सीएम ने कहा कि योजना के पहले चरण में 19 ब्लॉक शामिल किए गए हैं जिनमें भू-जल की गहराई 40 मीटर से ज्यादा है. इनमें से भी 8 ब्लॉक में धान की रोपाई ज्यादा है जिनमें कैथल के सीवन और गुहला, सिरसा, फतेहाबाद में रतिया और कुरुक्षेत्र में शाहाबाद, इस्माइलाबाद, पिपली और बबैन शामिल हैं.

उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा वह क्षेत्र भी योजना के दायरे में होंगे जहां 50 हार्स पावर से अधिक क्षमता वाले ट्यूबवेल का इस्तेमाल किया जा रहा. मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, तिल, कपास, सब्जी की खेती कर सकते हैं. सरकार मक्का व दाल की खरीदारी करेगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इनकी गारंटी से खरीदारी होगी.

 जिन ब्लॉक में पानी 35 मीटर से नीचे है, वहां पंचायती जमीन पर धान की खेती की अनुमति नहीं मिलेगी. इसमें पेहवा, थानेसर, जाखल, पटौदी और फतेहाबाद शामिल हैं. अन्य ब्लॉक के किसान भी धान की खेती छोड़ना चाहते हैं तो वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्हें भी अनुदान मिलेगा.

English Summary: Good News ! The state government will give 7 thousand rupees per acre to the farmer who quit paddy cultivation, read the full news
Published on: 18 May 2020, 03:15 PM IST

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