देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 26 April, 2020 5:09 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों की उपस्थिति कम करने का फैसला लिया है. यही कारण है अब प्रदेश में समर्थन मूल्य पर रबी फसल बिक्री की प्रक्रिया में सरलीकरण किया गया है. बता दें अब किसान के घर से ही उनकी उपज खरीद कर  उचित मूल्य देने का प्रयास शासन कर रहा है.

अब सरकार के आदेश पर प्रदेश की मंडियों में सरकारी क्रय-विक्रय के अलावा निजी खरीदी केन्द्र भी खोले जाने लगे हैं. यदि कोई व्यक्ति चाहे तो फर्म, संस्था अथवा प्रसंस्करणकर्ता संबंधित मंडी में 500 रुपए देकर निजी खरीदी केन्द्र मंडी में खोल सकता है. बता दें, जिस मंडी में आप निजी खरीदी केन्द्र शुरू करने जा रहे हैं, तो ध्यान दें यदि मंडी लायसेंसी है, तो अलग से प्रतिभूति जमा करने की जरूरत नहीं है. यदि यसेंसी नहीं है, तो उसे एक दिन की खरीदी का घोषणा-पत्र देकर प्रतिभूति जमा करनी होगी.

बता दें, जो भी किसान किसी कारण अपनी उपज मंडी में नहीं ला सकता उन्हें अपनी उपज का नमूना मंडी में लाकर चेक करना होगा उसके बाद विक्रेता स्वयं किसान के घर जाकर उपज खरीदेगा. बता दें, मंडी परिसर  के बाहर किसान एवं व्यापारी आपसी सहमति से क्रय-विक्रय कर सकते हैं.

मध्य प्रदेश सरकार के एक कृषि अधिकारी ने बताया कि इस बार कुल फसल खरीदी का 81 प्रतिशत खरीद सौदा पत्रक के माध्यम से हुई है. सौदा पत्रक के माध्यम से सरकार किसान की फसल (उपज ) उसके घर से ही समर्थन मूल्य पर खरीदती है. अभी तक गत वर्ष की तुलना में दोगुना गेहूं खरीदा जा चुका है. पिछली बार इस समय तक  तक 1.11 लाख मी.टन गेहूं खरीदा गया था जबकि इस बार लॉकडाउन भी लगा है फिर भी अभी तक 2 लाख 14 हजार मी.टन गेहूं खरीदा जा चुका है.

English Summary: Good news: Private shopkeepers in mandis will also go to farmers home and buy production on support price
Published on: 26 April 2020, 05:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now