Farmer Registry Update: यूपी सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी दी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर) के तहत किसानों की फार्मर रजिस्ट्री करने की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दी है. यूपी सरकार की यह पहल किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी. इस अभियान के अंतर्गत सभी भूमिधर किसानों का पंजीकरण किया जाएगा, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) के लाभार्थियों की खतौनी को उनके आधार और मोबाइल नंबर से जोड़कर ओटीपी के माध्यम से सत्यापन किया जा रहा है. इस पंजीकरण से किसानों को विभिन्न योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा.
ऐसे में आइए आज के इस आर्टिकल में हम फार्मर रजिस्ट्री/Farmer Registry से जुड़ी जरूरी जानकारी के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं. ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
फार्मर रजिस्ट्री क्यों जरूरी?
यदि कोई किसान फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाता, तो वह कई महत्वपूर्ण योजनाओं से वंचित हो सकता है. इन योजनाओं में शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: अगली किस्त तभी मिलेगी, जब पंजीकरण पूरा होगा.
- फसल बीमा योजना: प्राकृतिक आपदा में फसल क्षति की भरपाई केवल पंजीकृत किसानों को मिलेगी.
- फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): सरकारी खरीद केंद्रों पर केवल रजिस्टर्ड किसानों की फसल खरीदी जाएगी.
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और फसली ऋण: केवल पंजीकृत किसानों को ही यह सुविधा मिलेगी.
- कृषि संरचना निधि एवं अन्य सरकारी ऋण: लाभ पाने के लिए रजिस्ट्री जरूरी.
- आपदा प्रबंधन सहायता: सूखा, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदा में मुआवजा मिलेगा.
- सरकारी योजनाओं का लाभ: कृषि और संबद्ध विभागों की योजनाएं केवल रजिस्टर्ड किसानों को मिलेंगी.
बार-बार सत्यापन की जरूरत नहीं
रजिस्ट्री कराने वाले किसानों को बार-बार दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कराना पड़ेगा. उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की पूरी जानकारी भी समय-समय पर दी जाएगी.
कैसे करें फार्मर रजिस्ट्री?
किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट या निकटतम कृषि विभाग कार्यालय में जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. इसके लिए खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का होना आवश्यक है.