Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 28 March, 2019 5:25 PM IST

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने वाली मानसून की बारिश को लेकर एक अच्छी खबर आई है. दरअसल भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार अल-नीनो के बेअसर रहने और बढ़िया मानसून की बारिश का अनुमान है. पिछले  कुछ सालों से भारतीय मानसून को अल-नीनो ने कमजोर करते आ रहा था.मीडिया  में आई ख़बरों के मुताबिक, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया है कि, 'इस बार के मानसून के पैटर्न के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन हमें इतना पता है कि कोई भी मजबूत अल-नीनो का पूर्वानुमान नहीं जता रहा है.'

बता दे कि भारत की तक़रीबन 60 फीसद आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खेती पर निर्भर है और करोड़ो किसान मानसून पर निर्भर हैं, वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था के दूसरे आयाम भी मानसून से काफी हद तक प्रभावित होते हैं. मानसून अच्छा होने की वजह से बारिश अच्छी होती है. जो  धान, गन्ना, मक्का, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों का भविष्य तय करती हैं.अच्छी बारिश होने के वजह से फसलों में जल्दी कीड़ें नहीं लगते है. जिससे उर्वरक महंगाई के मामले काबू में रह सकती है और इससे कृषि क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा. यदि ऐसा होता है तो आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी की जा सकती है क्योंकि ब्याज दर महंगाई से जुड़ी हुई हैं.

गौरतलब है कि अल-नीनो के चलते ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और भारत को सूखे की समस्या का सामना करना पड़ा है. अल-नीनो के वजह से ही भारत में 2014 और 2015 में लगातार दो साल सूखा पड़ा और इस कारण देश आज कृषि संकट से जूझ रहा है.

English Summary: Good news for farmers 'al-Nino' will be neutral, good monsoon
Published on: 28 March 2019, 05:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now