ग्राम पंचायतों में ढांचागत विकास के लिए केंद्र सरकार 15187.5 करोड़ रुपए का अनुदान देगा. पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिश पर वित्त मंत्रालय ने देश भर के पंचायतों में ढांचागत विकास के लिए 15187.5 करोड़ राशि मंजूर की है. अलग-अलग राज्यों में जरूरत के मुताबिक अनुदान की राशि की मात्रा अलग होगी. पश्चिम बंगाल को इस बाबत 1103 करोड़ रुपए की राशि मिली.
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र से अनुदान के तौर पर यह जो राशि राज्यों को मिलेगी वह पंचायत क्षेत्रों में निकासी, पेय जल, इलाके को खुले में शौच से मुक्त बनाने और वर्षा के जल को संरक्षण करने आदि कार्यों में खर्च होगी. पंद्रहवें वित्त आयोगने ग्रामीण और शहरी शहरी क्षेत्रों में ढांचागत विकास के लिए 90 हजार करोड़ रुपए मंजूर करने की सिफारिश की थी जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 60750 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव है. इसी प्रस्ताव के तहत वित्त मंत्रालय ने पहली किस्त के तौर पर ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए 15187.5 करोड़ रुपए मंजूर किए है. इसमें से आधा फंड खर्च करने के लिए कोई शर्त नहीं है. ग्राम पंचायत अपनी जरूरतों के मुताबिक फंड का आधा हिस्सा खर्च कर सकता है. लेकिन बाकी आधा हिस्सा फंड निकासी व्यवस्था, इलाके को खुले में शौच से मुक्त करने और पेय जल आदि परियोजनाओं पर खर्च करना होगा.
केंद्र सरकार फंड जारी होने के बाद उसका सही इस्तेमाल होने पर भी नजर रखेगी. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि फंड मिलने के 10 दिनों के अंदर राज्य सरकारों को आवंटित राशि पंचायतों को सौंप देनी होगी. राशि प्राप्त करने के बाद पंचायतें विकास कार्य शुरू कर देंगी.
उल्लेखनीय है कि त्रिस्तीरय पंचाती व्यवस्था के तहत सत्ता का विकेंद्रीयकरण किया गया है. त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के माध्यम से स्थानीय निकाएं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं. ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद का गठन निर्वाचित सदस्यों को लेकर किया जाता है. हमारे देश में पंचायती राज को स्वशासन का अधिकार प्राप्त है. ग्रामीण विकास के लिए केंद्र या राज्य सरकार की ओर से जो फंड आवंटित किए जाते हैं वह पंचायतों के मार्फ्त खर्च किए जाते हैं. निर्धारित समय के अदर पंचायतों का चुनाव होता रहता है. निर्वाचित जन प्रतिनिधि अपने कार्यकाल में पंचायती राज कानून के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं. देश की आर्थिक विकास में हमारी निर्वाचित पंचायती व्यवस्था की अहम भूमिका है. निर्वाचित पंचायतों के मार्फत ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर बजट में आवंटित फंड खर्च होता है.