किसानों को राहत देने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें पहल करती रहती हैं. इसी क्रम एक बड़ी खबर आई है. दरअसल कोरोना वायरस की वजह से किसान वर्ग को राहत देते हुए सहकारी भूमि विकास बैंकों से लोन लेने वाले किसानों के हित में एक मुश्त समझौता योजना की स्वीकृति जारी हुई है. इस योजना के तहत अवधिपार श्रेणी के किसानों के अवधिपार ब्याज एवं दण्डनीय ब्याज को 50% तक माफ किया गया है. इससे किसानों के ब्याज के रूप में करीब 239 करोड़ रुपए माफ होंगे.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों के प्रति संवेदनशील है और उन्होंने किसानों को ऋण का चुकता करने में हो रही परेशानियों के मद्देनजर राहत देने के निर्देश दिये थे. उन्होंने आगे बताया कि योजना के तहत प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सभी प्रकार के कृषि एवं अकृषि ऋण जो 1 जुलाई, 2019 तक अवधिपार हो चुके है. ऐसे अवधिपार श्रेणी के 60 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा. ऐसे किसानों को 30 नवम्बर, 2020 तक अपना ऋण चुकाना होगा.
इसके अलावा ऐसे अवधिपार ऋणी किसान जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके परिवार को किसान की मृत्यु तारीख से सम्पूर्ण बकाया ब्याज, दण्डनीय ब्याज एवं वसूली खर्च को पूरा माफ कर राहत दी गई है. उन्होंने बताया कि सूबे में कार्यरत 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा किसानों को कृषि कार्यों के लिए दीर्घकालीन कृषि ऋण दिया जाता है.
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