मौजूदा वक्त में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया त्रस्त है. इस महामारी ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. करोड़ों लोग बेरोजगार होने के साथ ही अपने – अपने घरों में कैद हैं. कुछ देशों ने तो इस महामारी के वजह से देशभर में लॉकडाउन लगा रखा है. उन्हीं में से एक भारत भी है. हालांकि अब सशर्ते अब ढ़ील बरती जा रही है. ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाई जा सके. गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच बैंक भी लोगों की मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि वह महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को कोरोना के संकट के बीच उनके फंड की डिमांड को पूरा करने के लिए 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगा. इसके अलावा बैंक ने किसान उत्पादक संगठनों (FPO/FPC) के लिए लिक्विडिटी संकट में मदद करने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन का भी ऐलान किया है, जिसमें अधिकतम 5 लाख तक की राशि मिलेगी.
स्वयं सहायता समूहों को अधिकतम 1 लाख रुपये की मदद (Maximum assistance of Rs 1 lakh to self-help groups)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक स्वयं सहायता समूहों को अतिरिक्त सहायता देने के लिए उन्हें कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट या टर्म लोन के तौर पर दे रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, बैंक ने बयान में कहा कि लोन की न्यूनतम राशि 30,000 रुपये एक ग्रुप के लिए है और स्कीम के तहत अधिकतम राशि 1 लाख रुपये प्रति सदस्य की दी जाएगी, जिसका 24 महीनों में पुनर्भुगतान करना होगा. इस स्कीम के लिए पुनर्भुगतान मासिक या तिमाही के आधार पर होगा और मोरेटोरियम राशि के मिलने की तारीख से 6 महीने की अवधि के लिए होगा.
किसानों को मिलेगा तुरंत लोन (Farmers will get loan immediately)
दरअसल डेयरी और मत्स्य पालन श्रेणी में बैंक किसान समुदाय को इमरजेंसी फंड की जरूरतों को पूरा करने के लिए तुरंत क्रेडिट देगा जिससे किसानों को खेत के रखरखाव और खेती से संबंधित दूसरे कामों को पूरा करने में मदद मिलेगी. जारी बयान में यह भी कहा गया है कि इसमें सीमा दूसरी कृषि की मंजूर लिमिट की 10 फीसदी (जो कि न्यूनतम 10,000 रुपये) और अधिकतम 50,000 रुपये वर्तमान में मौजूद रेगुलर निवेश क्रेडिट कृषि खाते के लिए होगी.