स्वस्थ मिट्टी खाद्य प्रणाली की नींव होती है. मिट्टी कृषि का आधार है और वह माध्यम है जिसमें लगभग सभी खाद्य उत्पादक पौधे उगाये जाते हैं. स्वस्थ मिट्टी स्वस्थ फसलों का उत्पादन करती है जो बदले में लोगों और जानवरों को पोषण देती है. दरअसल, मिट्टी की गुणवत्ता सीधे भोजन की गुणवत्ता और मात्रा से जुड़ी होती है.
अगर मिटटी की गुणवत्ता ही अच्छी न हो तो फसलों के उत्पादन और किसानों की आय पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ऐसी ही एक खबर राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से आई है. जहाँ की मिटटी में पोषक तत्त्व की कमी होने की वजह से फसलों का उत्पादन घट रहा है.
हनुमानगढ़ जिले में मिट्टी की सेहत दिन प्रति दिन बिगड़ती जा रही है. जिस वजह से जिले के किसान को काफी परेशानी होने लगी है. वहीँ कृषि अधिकारी भी फसल के घटते उत्पदान को देख चिंता में पड़ गये हैं. उनका कहना है कि जब तक हमारी जमीन की सेहत दुरुस्त नहीं होगी, तब तक मानव के सेहत को दुरुस्त रखना संभव नहीं होगा. इसलिए जरूरी है कि भूमि को भी निर्धारित मात्रा में उसकी खुराक मिलती रहे. हनुमानगढ़ जिले में विद्युत चालकता और पीएच मान में बढ़ोतरी होने से भविष्य में उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होने का खतरा मंडराने लगा है.
हनुमानगढ़ जिले की मिट्टी की स्थिति (Soil Condition Of Hanumangarh District)
हनुमानगढ़ जिले की जमीनें कभी सोना उगलने वाली धरती के नाम से जानी जाती थी. लेकिन बढ़ते रासायनिक उपयोग और बारिश की कमी होना की वजह से जिले की जमीनें बंजर होती जा रही है. फसलों की खेती के कामों में लागत ज्यादा लग रही है. मिट्टी का पीएच मान भी 9. 2 पहुँच गया है जो की मिट्टी के सामान पीएच मान से ज्यादा है. यह मिट्टी की उर्वरता शक्ति को कम करता है.
वही कृषि अधिकारियों का मानना है कि भूमि में जैविक कार्बन की कमी की वजह से खेती में लागत बढ़ रही है. इसलिए लागत कम करने के लिए जरूरी है कि किसान मिट्टी के मर्म को समझें. अधिकारियों का मानना है कि जैविक खाद की बजाय रासायनिक खाद का अधिक उपयोग करने से इस तरह के हालात बन रहे हैं. मिट्टी के नमूनों की जाँच करने के बाद यह स्तिथि नजर आई है, जो किसानों और अधिकारीयों के लिए काफी चिंता जनक है.
स्वस्थ मिट्टी फसलों के लिए है जरूरी (Healthy Soil Is Necessary For Crops)
मिट्टी आवश्यक पोषक तत्व, पानी, ऑक्सीजन और जड़ समर्थन प्रदान करती है. जो हमारे खाद्य उत्पादक पौधों को बढ़ने और फलने-फूलने के लिए चाहिए. वे नाजुक पौधों की जड़ों को तापमान में भारी उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए एक बफर के रूप में भी काम करता है.
स्वस्थ्य मिट्टी पौधों की बीमारी, कीट और खरपतवार कीटों को नियंत्रित करती है. एक स्वस्थ मिट्टी अपनी कार्बन सामग्री को बनाए रखने या बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन को कम करने में भी योगदान देती है.