Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 23 May, 2024 6:08 PM IST
जर्मन दूतावास के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुच्स , फोटो साभार: कृषि जागरण

बुधवार 23 मई 2024 को जर्मन दूतावास के प्रवक्ता बेस्टियन फुच्स ने कृषि जागरण के कार्यालय का दौरा किया. जहां उन्होंने अपने विचारों को साझा किया. केजे चौपाल में जर्मन दूतावास के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुच्स/ Sebastian Fuchs, Spokesperson  German Embassy का कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक और कृषि जागरण की प्रबंध निदेशक शाइनी डोमिनिक ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके के बाद, कृषि जागरण की शुरुआत से लेकर वर्तमान तक की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए एक लघु फिल्म दिखाई गई. फिल्म में पिछले कुछ वर्षों में कृषि जागरण द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों पर चर्चा की गई, जिसमें 'फार्मर द जर्नलिस्ट' से लेकर 'मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड तक शामिल रहा.

अपने संबोधन में फुच्स ने कई युवा चेहरों को देखकर अपनी खुशी जाहिर की. भारत की समृद्ध विविधता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने बताया कि जर्मनी सैन्य सहयोग, सुरक्षा और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ जुड़ा हुआ है. उन्होंने जीएसडीपी पहल के रूप में ज्ञात विशेष सहयोग पर प्रकाश डाला. जर्मन दूतावास ने हाल ही में भारत के साथ जीएसडीपी वार्तालाप श्रृंखला शुरू की, जो हरित और सतत विकास के लिए भारत-जर्मन साझेदारी को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. 22 मई, 2022 को प्रधान मंत्री मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ द्वारा हस्ताक्षरित यह साझेदारी कृषि सहित सतत विकास के क्षेत्र में भारत के लिए एक मजबूत भागीदार के रूप में जर्मनी की भूमिका को रेखांकित करती है.

उन्होंने कहा, “जीएसडीपी के तहत भारत के हरित परिवर्तन का समर्थन करने के लिए जर्मनी सालाना 1 बिलियन यूरो का योगदान दे रहा है. इस साझेदारी में हरित ऊर्जा संक्रमण, हरित गतिशीलता, जैव विविधता बहाली, कृषि पारिस्थितिकी और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की पहल शामिल हैं. उदाहरण के लिए, हमने केरल में महिला मछली विक्रेताओं को साइकिल चलाने के लिए प्रशिक्षित किया, जिससे वे ग्राहकों तक अधिक तेज़ी से और लगातार पहुंच सकें, जिससे उनका मुनाफा बढ़ सके. हमारा मानना है कि जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने में भारत की भागीदारी महत्वपूर्ण है , यही कारण है कि हम इस पर्याप्त वित्तीय सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं. जीएसडीपी के तहत, हम कई परियोजनाओं में लगे हुए हैं जो टिकाऊ खेती को बढ़ावा देते हैं. जर्मनी में, हर कुछ सौ मीटर पर जैविक सुपरमार्केट पाए जाते हैं, जो न केवल आर्थिक स्थिरता को बढ़ाने के लिए बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कृषि की महत्वपूर्ण क्षमता को उजागर करता है.”

जर्मन दूतावास के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुच्स और कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक, फोटो साभार: कृषि जागरण

इसके अलावा, उन्होंने कृषि समुदायों को जोड़ने और नेटवर्क बनाने में मदद करने के लिए एक मीडिया संगठन बनाने के लिए एमसी डोमिनिक की सराहना की. फुच्स ने इस विचार की प्रशंसा करते हुए इसे अद्भुत बताया और किसानों के प्रशिक्षण की अवधारणा के प्रति अपना आकर्षण व्यक्त किया, जो किसानों को अपनी प्रेरक कहानियाँ साझा करने में सक्षम बनाता है.

जर्मन दूतावास के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुच्स ने किया कृषि जागरण के ऑफिस का दौरा, फोटो साभार: कृषि जागरण

इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसके बाद इस अवसर पर एक समूह फोटोग्राफ भी लिया गया.

English Summary: German Embassy spokesperson Bastian Fuchs spoke on green energy and agriculture in KJ Chaupal
Published on: 23 May 2024, 06:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now