Success Story: यूपी के 45 वर्षीय किसान ने क्विनोआ और जैविक खेती से किया कमाल, सालाना कमाई 48 करोड़ रुपये! Success Story: परंपरागत खेती छोड़ किसान ने शुरू की फूलों की खेती, सालाना कमा रहा 18 लाख रुपये Success Story: छोटे किसान से जैविक खेती के हीरो बने धोनीराम चेतिया, बागवानी से सालाना कमा रहे लाखों! सचिन जाटन: महिंद्रा NOVO 605 DI के साथ सफलता की कहानी, कड़ी मेहनत और सही चुनाव ने बनाई कामयाबी की राह! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 15 March, 2025 5:25 PM IST
GADVASU Pashu Palan Mela, Pic Credit: GADVASU

Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University (GADVASU) Pashu Palan Mela: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना 21 और 22 मार्च, 2025 को दो दिवसीय ‘पशुपालन मेला’ आयोजित करेगी. इस मेले का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों से अवगत कराना है, जिससे वे अपने पशुपालन व्यवसाय को और अधिक उन्नत बना सकें.

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने बताया कि इस मेले में पंजाब ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के किसानों को भी आमंत्रित किया गया है. मेले में पशुपालन और कृषि से जुड़े विभिन्न विभागों के साथ-साथ कई कंपनियां भी भाग लेंगी, जो अपनी दवाओं, उपकरणों, मशीनरी और पशु संबंधी सुविधाओं का प्रदर्शन करेंगी.

थीम और भागीदारी

इसके अलावा, विश्वविद्यालय से जुड़े किसान संगठन भी अपने स्टॉल लगाएंगे. इस बार मेले की थीम 'नस्ल सुधार पशुपालन पेशे की जान, उत्पादन बढ़ाना किसान की शान' रखी गई है, जिसका उद्देश्य नस्ल सुधार के माध्यम से पशु उत्पादन बढ़ाना है.

किसानों का सम्मान

मेले में वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने वाले चार किसानों को ‘मुख्यमंत्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा. इन किसानों ने भैंस, मछली, सुअर और बकरी पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है. विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. रविंद्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि मेले में पशु चिकित्सा, डेयरी, पोल्ट्री और मत्स्य पालन से जुड़ी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा.

Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University, Ludhiana, Pic Credit: GADVASU

तकनीकी व्याख्यान और प्रश्नोत्तर सत्र

इस दौरान वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी व्याख्यान प्रस्तुत किए जाएंगे, जिससे किसान और पशुपालक आधुनिक पशुपालन तकनीकों को समझ सकें. इसके अलावा, किसानों की समस्याओं और उनके समाधान के लिए एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया जाएगा.

पशुओं की नस्लों और उत्पादों की प्रदर्शनी

मेले में विश्वविद्यालय की सर्वोत्तम नस्ल की गायों, भैंसों, बकरियों और मुर्गियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. साथ ही, किसानों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित संपूर्ण साहित्य और पत्रिका 'वैज्ञानिक पशुपालन' भी उपलब्ध रहेगी. मेले का एक अन्य प्रमुख आकर्षण पशुपालकों को नस्ल सुधार की ओर प्रेरित करना होगा. इस दौरान दूध और दूध से बने उत्पाद, मशीनरी, दवाइयां, टीके, पशु आहार और अन्य पशु उत्पादों से संबंधित कंपनियां व वित्तीय संस्थाएं भी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी.

पशुपालकों के लिए विशेष सुविधाएं

पशुओं के स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ किसानों को थनों की सूजन, दूध की गुणवत्ता जांच, पशु विषाक्तता और आंतरिक परजीवियों से बचाव के बारे में जानकारी देंगे.

इसके अलावा, पशुओं के रक्त, गोबर, मूत्र, त्वचा, आहार के नमूने, दूध और चारे की विषाक्तता संबंधी निःशुल्क जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. यह सुविधा पशुपालकों को उनके पशुओं के स्वास्थ्य की बेहतर समझ प्रदान करेगी और उन्हें सही देखभाल के लिए प्रेरित करेगी.

आधुनिक तकनीकों की जानकारी

मेले में पशुपालन में कृत्रिम ज्ञान और स्मार्ट तकनीकों के महत्व पर भी चर्चा की जाएगी. विशेषज्ञ पशुपालकों को स्मार्ट कॉलर, पेडोमीटर, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम, एनिमल मूवमेंट मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटोमेटिक फीड मैनेजर और रोबोट कैमरा जैसी नई तकनीकों की जानकारी देंगे. इन तकनीकों का उपयोग करके पशुपालक अपने व्यवसाय को अधिक कुशल और लाभकारी बना सकते हैं.

जैव सुरक्षा और रोग प्रबंधन

इसके अलावा, खेतों की जैव सुरक्षा और पशुओं में होने वाले रोगों की पहचान व रोकथाम के तरीकों पर भी जानकारी दी जाएगी. पशुपालकों को यह बताया जाएगा कि वे अपने पशुओं को संक्रमण से कैसे बचा सकते हैं और उनकी उत्पादकता को कैसे बढ़ा सकते हैं. विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित धातु चूरा, बाइपास फैट और भूसे को यूरिया से संसाधित करने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी.

English Summary: GADVASU Ludhiana will organize two days Pashu Palan Mela on 21 and 22 March
Published on: 15 March 2025, 05:29 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now