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Updated on: 30 January, 2023 11:39 AM IST
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की बैठक का हुआ उद्घाटन

चंडीगढ़/ नई दिल्ली, 30 जनवरी 2023, भारत की अध्यक्षता में जी-20 के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की दो दिनी बैठक का उद्घाटन चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने किया. इस अवसर पर  तोमर ने कहा कि विज्ञान व नवाचार से भारत का विकास तेजी से हो रहा है, ये दोनों भारत के भविष्य के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं. हमने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है. वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल में वित्तीय समावेशन, धारणीय ऊर्जा की ओर गमन में हमारा उल्लेखनीय योगदान रहा है और विकास की जन-केंद्रितता हमारी राष्ट्रीय रणनीति का आधार है. यह वही दर्शन है, जो हमारी जी-20 की अध्यक्षता का विषय 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' को भी रेखांकित करता है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि, भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता करना सभी नागरिकों के लिए गर्व का क्षण है, साथ ही इस ऐतिहासिक अवसर के साथ आने वाली जिम्मेदारियों से हम भली-भांति परिचित हैं. आज दुनिया अनेक जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है, जो गहराई से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और केवल सीमाओं द्वारा परिभाषित नहीं की जाती हैं. जिन चुनौतियों का सामना किया जा रहा है, वे वैश्विक प्रकृति की हैं और इनके लिए वैश्विक समाधान की ही आवश्यकता है, इसलिए विश्व समुदाय को आज वैश्विक रूप से समन्वित नीतियों व कार्यों की ओर अधिक जोर देने की आवश्यकता है. बहुपक्षवाद में नए सिरे से विश्वास करने की भी आवश्यकता है. लोकतंत्र व बहुपक्षवाद के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हमारा राष्ट्र न केवल बहुआयामी विकास को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है बल्कि सार्वभौमिक रूप से मान्य शक्‍ति भी प्रदर्शित करने के लिए तैयार है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि हाल ही में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में, भारत को नाजुक दुनिया में एक उज्ज्वल रोशनी के रूप में वर्णित किया गया और जलवायु लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व कोविड बाद विकास पथ पर लौटने की सभी ने सराहना की है.

तोमर ने कहा कि भारत उसे दी गई जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं. हमें अपने सफल विकास मॉडल के टेम्प्लेट साझा करने में खुशी होगी, उसी प्रकार सभी से सीखने के लिए भी हम तत्पर हैं. इस वर्ष हमारी प्राथमिकताओं व परिणामों द्वारा,विचार-विमर्श के माध्यम से व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढना चाहते हैं. ऐसा करते हुए, हम विकासशील देशों की आवाज को बढ़ाने में भी गहरी रूचि लेंगे.  तोमर ने कहा कि हम अब किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते. हमारे जी-20 के समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्योन्मुख व निर्णायक एजेंडा के माध्यम से, हमारा लक्ष्य 'वसुधैव कुटुम्बकम' की सच्ची भावना को प्रकट करना है.

उन्होंने, हाल के वर्षों में सबसे असुरक्षित व कम आय वाले विकासशील देशों को सहायता प्रदान करने में इस समूह के अनुकरणीय योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि ऋण की बढ़ती असुरक्षा दूर करने के लिए किए उपाय विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. 2023 में भारत की अध्यक्षता से इन प्रयासों की बढ़ती गति जारी रहेगी. साथ ही, समूह इस बात पर विचार करने के लिए अपनी अच्छी स्थिति का भी लाभ उठाएगा कि हम वैश्विक व वित्तीय शासन को कैसे फिर से डिजाइन कर सकते हैं. भारत की अध्यक्षता में समूह यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि विकास के प्रमुख एजेंट बहुपक्षीय विकास बैंक 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किस प्रकार बेहतर ढंग से सुसज्जित हो सकते हैं.  तोमर ने इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए उनका उद्धरण दिया व प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी एवं सभी नागरिकों की ओर से प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए बैठक की सफलता की कामना की.

बैठक में केंद्रीय मंत्री पारस ने कहा कि भारत का प्रयास रचनात्मक बातचीत को सुविधाजनक बनाना, ज्ञान साझा करना और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण व समृद्ध विश्‍व के लिए सामूहिक आकांक्षा की दिशा में एक साथ काम करना होगा. उन्होंने कहा कि जी-20 की भारतीय अध्यक्षता में अब तक की प्रगति को आगे बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि आज अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तीव्र चुनौतियों का सामना करने व असुरक्षित समूहों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित रहें. प्रधानमंत्री  मोदी ने पिछले वर्ष विश्व आर्थिक मंच, दावोस शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में इस बात पर विचार किया कि क्या बहुपक्षीय संगठन नई विश्व व्यवस्था और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं. यह कार्य समूह इन चुनौतियों का सामना करने और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में विकास वित्तपोषण में उनके योगदान को बढ़ाने के लिए इन संगठनों को मजबूत करने के विकल्पों का पता लगा सकता है.

ऐसे तंत्रों का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता है, जिनके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता समय पर, कारगर रूप से आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी हो. यह कम आय वाले और विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण है, क्‍योंकि वे इन संसाधनों के प्रमुख लाभार्थी हैं. बढ़ते कर्ज से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश, पुन: कम आय वाले देश और कई मध्यम आय वाले देश हैं. कार्य समूह यह पता लगा सकता है कि नीतिगत कार्रवाई से ऋण की बिगड़ती स्थिति का समाधान कैसे हो सकता है. दुनियाभर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के समृद्ध और विविध अनुभव के साथ विश्वास है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह विकास वित्तपोषण, कमजोर देशों को समर्थन व वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के विषय को बनाए रखने के क्षेत्रों में जी-20 के प्रयासों का समन्वय करने के लिए बेहतर स्थिति में है.

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बैठक में आईएफए को-चेयर विलियम रूस (फ्रांस), ब्युंगसिक जंग (दक्षिण कोरिया), केंद्रीय वित्त मंत्रालय की अपर सचिव मती मनीषा सिन्हा, आरबीआई सलाहकार मती महुआ राय भी उपस्थित थीं.

English Summary: G20 India: India is developing rapidly due to science and innovation - Union Agriculture Minister Tomar
Published on: 30 January 2023, 11:48 AM IST

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