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Updated on: 25 October, 2021 7:04 PM IST
KVK Pooja

कृषि विज्ञान केंद्र (राष्ट्रीय बागवानी अनुसन्धान विकास प्रतिष्ठान), उजवा, दिल्ली ने परिसर में एकीकृत बागवानी विकास मिशन, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की योजना के अंतर्गत ’’वर्षा जल संचयन इकाई’’ की आधारशिला मुख्य अतिथि डा. नवीन अग्रवाल, (भा. प्र. से.), जिलाधीश व् उपायुक्त, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिला, दिल्ली एवं अमित काले, (भा. प्र. से.), उप जिलाधिकारी, नजफगढ़, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिला, दिल्ली की गरियामयी उपस्थिती में रखी गई.

डा. अग्रवाल ने अपने संबोधन में बताया कि जल संकट आज दिल्ली क्षेत्र के लिए नहीं अपितु भारत के लिए भी एक विशिष्ट समस्या बन कर उभरा है. वर्तमान में भारत की तीव्र जनसंख्या वृद्धि व तीव्र नगरीकरण से तालाब एवं झीलों जैसे परम्परागत जल स्त्रोत सूखने की कगार पर है.

उन्होने पर्यावरण से उत्पन्न हुई पानी की विकट समस्या के साथ जल एव थल की बढ़ती हुई लवणीयता पर भी विचार प्रकट किया. उन्होने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा वर्षा जल को एकीकृत करने की एक महत्वपूर्ण पहल है. जो दिल्ली क्षेत्र के किसानों के लिए व बढ़ रहे पर्यावरण परिवर्तन की अनुकलता के लिए मील का पत्थर साबित होगा.

डा. अग्रवाल ने इस किसान हितेषी योजना को भारत सरकार की वित्तिय सहायता से दिल्ली के ग्रीन क्षेत्र में लागू करवाये जाने का भरोसा भी दिया. साथ ही इन्होने बताया दिन प्रतिदिन क्षेत्र में खारे पानी की समस्या बढ़ती जा रही है इसलिए किसान भाई जल संग्रहण की प्रदर्शनी को अपनाकर बढ़ती हुई खारे पानी के समस्या के समाधान एव सूक्ष्म सिचाई तकनीकों को बढ़ावा दे सकते हैं.

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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री काले ने बताया कि पानी संग्रहण इकाई में एकीकृत जल को सूक्ष्म एवं फंव्वारा पद्वति के माध्यम से ’’प्रति बूंद अधिक फसल’’ जैसे आधुनिक सिंचाई तकनिकों को बढ़ावा देकर वर्षा जल संरक्षण की दिशा में कार्य कर सकते हैं. कार्यक्रम के शुरुआत में डॉ. पी. के. गुप्ता, अध्यक्ष, कृषि विज्ञानं केंद्र व् निदेशक, एन.एच आर. डी. एफ., नई दिल्ली, मुख्य अतिथि सहित माननीय अतिथिगण कृषक बंधु, मीडिया कर्मी का स्वागत करते हुए कृषि विज्ञानं केंद्र के द्वारा स्थापित किये जा रहे वर्षा जल संचयन इकाई के बारे में विस्तृत की जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इस इकाई की लंबाई 20 मीटर, चैडाई 15 मीटर व गहराई 03 मीटर होगी जिसमें 7.50 लाख लीटर पानी इकटठा्  हो जायेेगा. श्री राकेश कुमार, विशेषज्ञ (बागवानी) ने बताया कि जहाँ वर्षा जल संचयन इकाई की स्थापना की जा रही है वहाँ आसपास से 03 किलोमीटर पानी एकीकृत होता है जिसको इस संग्रहण के माध्यम से एक जगह एकीकृत करके केन्द्र में बागवानी एवं नर्सरी की पौध तैयार करने के लिए उपयोग में लिया जायेगा.

इस कार्यक्रम को सफल करने में डॉ ऋतू सिंह, डॉ. डी. के. राणा, डॉ. समर पाल सिंह, कैलाश, डॉ. जय प्रकाश, डॉ. रमेश बाना, सुबेदार पाण्डे, श्रीमती मन्जु, आत्माराम, विशाल आदि का सहयोग सहरानीय रहा. इस कार्यक्रम को कृषि जागरण के द्वारा भी कवरेज किया गया.

English Summary: Foundation Stone of Water Harvesting Pond at KVK Delhi
Published on: 25 October 2021, 07:10 PM IST

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