जायटॉनिक टेक्नोलॉजी: क्यों है खेती का समग्र और स्थायी समाधान? सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 4 March, 2019 11:56 AM IST

कृषि विज्ञान केंद्र उजवा द्वारा गाँव काजीपुर एवं ढ़ासा में दिनांक 28.02.2019 व 01.03.2019 में सरसों की फसल में प्रक्षेब दिवस का आयोजन किया गया. इस प्रक्षेब दिवस का मुख्य उद्देश्य दिल्ली प्रदेश में सरसों की उन्नत प्रजाति RH-749 एवं गिरिराज का विस्तार करना है. RH-749 किस्म एक उन्नत प्रजाति है और यह चौ. चरण सिंह हिसार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है. वहीं गिरिराज प्रजाति की सरसों निदेशालय भरतपुर के द्वारा विकसित की गयी है.

यह दोनों ही प्रजातियां दिल्ली प्रदेश के लिए अनुकूल प्रजाति है एवं यह प्रजाति लवण सहनशील भी है. इस कार्यक्रम के दौरान किसानों ने खेत पर जाकर प्रदर्शित फसल का मूल्यांकन किया साथ ही उन्होंने पाया कि इन दोनों प्रजाति अन्य प्रजातियों की तुलना में इसके फलियों के आकार, साखाओं एवं फलियों की फुटाव में उन्नत पाई गयी. इस कार्यक्रम में लगभग 100 किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ. समरपाल सिंह ने फसल की बुवाई से कटाई तक सस्य किसानों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस कार्यक्रम में केंद्र के विशेषज्ञ तना गलन एवं तना गलन बिमारियों के लिए जैविक विधि द्वारा नियंत्रण करने पर जोर दिया. इस दौरान केन्द्र के डॉ. राकेश कुमार, कैलाश जाजड़, एवं बृजेश यादव उपस्थित रहे.  

English Summary: For organizing the Proceedings Day by the Agriculture Science Center
Published on: 04 March 2019, 12:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now