आज तक आपने ड्रोन के जरिये हथियार और नशीले पदार्थ भेजने की खबर ही सुनी होगी, लेकिन अब इसका मंजर पूरा पलट गया है. जी हाँ, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) के कृषि विशेषज्ञों ने 40 विद्यार्थियों के साथ मिलकर एक ऐसा बहुउद्देश्यीय ड्रोन तैयार किया है जो किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगा.
दरअसल, जालंधर से करीब 22 किलोमीटर दूर कपूरथला जिले के फगवाड़ा में खेतों के ऊपर उड़ते ड्रोन देखकर एक बार लोग भले ही चौंक जाते हों, लेकिन किसान इसे बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं. कई महीनों की मशक्कत के बाद तैयार किए गए इस ड्रोन का नाम ‘फ्लाइंग फार्मर’ रखा गया है. एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल यह दावा है की इस ड्रोन से कोई किसान कभी धोखा नहीं खाएगा.
'फ्लाइंग फार्मर' के फायदे (Advantages of 'Flying Farmer')
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बैटरी संचालित ड्रोन फुल चार्ज होने पर 25 मिनट तक उड़ सकता है.
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ड्रोन की कीमत लगभग 10 हजार से 15 हजार के बीच होगी.
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इसकी मदद से किसान फसल पर बेहतर ढंग से छिड़काव कर सकते हैं.
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फ्लाइंग फार्मर हवा में उड़कर खेतों में बाढ़ आने या आंधी से नुकसान की सही जानकारी किसान को देगा.
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साथ ही फसल में कहां कितना पानी लग गया है, इसकी लाइव तस्वीरें देखकर किसान उसी हिसाब से सिंचाई कर सकते हैं.
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इससे फसल के उत्पादन में भी सुधार होगा.
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इसका इस्तेमाल खेती के काम में कई तरह से किया जा सकता है.
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कंप्यूटर विजन एल्गोरिदम और इंफ्रारेड सेंसर के साथ इसे प्रोग्राम किया गया है.
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खरपतवार की सटीक स्थिति का पता लगाकर किसान को जानकारी भेजता है.
फ्लाइंग फार्मर की उपयोगिता (Utility of Flying Farmer)
यह 2 तरह से है उपयोगी माना जाता है. एक तो इससे कीटनाशकों की बर्बादी रुकेगी. दूसरा, कीटनाशकों का अति प्रयोग भी नियंत्रित होगा. यह आने वाले छह महीनों में किसानों के लिए मार्किट में उपलब्ध करवाया जायेगा.
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फ्लाइंग फार्मर की ख़ासियत (Features of Flying Farmer)
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10 लीटर तक करेगा छिड़काव
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15 से 20 मिनट में यह फ्लाइंग फार्मर एक बार में 10 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है.
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कीटनाशकों के छिड़काव में फसल में बराबर मात्र डाली जा सकती है.
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इससे कीटनाशक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं होगा.
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किसान टीवी स्क्रीन पर छिड़काव को लाइव भी देख सकते हैं.