राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) द्वारा आयोजित पांच दिवसीय (10 से 14 नवंबर, 2025) प्रशिक्षण कार्यक्रम “मशरूम उत्पादन तकनीक एवं सस्योत्तर प्रबंधन”का सफल आयोजन किया गया जिसका समापन 14 नवंबर, 2025 को सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उत्तराखण्ड एवं दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से कुल 25 प्रशिक्षणार्थियो ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. पी. के. गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं संस्थान के गीत से की गई।
प्रशिक्षण में खाद्य, पोषण एवं आर्थिक सुरक्षा जैसे विविध विषयों को शामिल किया गया, जिसमें विशेष रूप से मशरूम उत्पादन की भूमिका पर बल दिया गया। प्रतिभागियों को कृषि अवशेषों जैसे धान की पराली और गेहूँ की भूसी के वैज्ञानिक निस्तारण के बारे में जागरूक किया गया तथा पराली जलाने जैसी हानिकारक प्रथाओं को हतोत्साहित किया गया। व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव को बढ़ाने हेतु प्रतिभागियों को मशरूम अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा बिजेन्दर धनखड़ फ़ार्म सोनीपत (हरियाणा) का भ्रमण भी कराया गया।
एस.सी. तिवारी, सहायक निदेशक एवं प्रशिक्षण समन्वयक ने बटन, डिंगरी (ऑयस्टर), मिल्की तथा शिटाके मशरूम की खेती पर विस्तृत सत्र लिए और मशरूम उत्पादन से जुड़ी सामान्य चुनौतियों तथा उनके समाधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने मशरूम उत्पादन को एक लाभकारी उद्यम बताते हुए किसानों एवं बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार अपनाने और आय बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित किया।
समापन सत्र के दौरान प्रशिक्षुओं ने कार्यक्रम की सराहना की और मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं विपणन संबंधी प्राप्त व्यवहारिक ज्ञान तथा प्रशिक्षण का अनुभव साझा किया। उन्होंने विशेष रूप से तिवारी एवं एनएचआरडीएफ टीम के मार्गदर्शन की प्रशंसा की, जिसने उन्हें मशरूम उत्पादन उद्यम स्थापित करने की दिशा में आवश्यक कौशल प्रदान किए।
इस अवसर पर डॉ. पी. के. गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में मशरूम उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षणार्थी को अपने-अपने क्षेत्रों में अर्जित ज्ञान का प्रसार करने हेतु प्रोत्साहित किया। डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि किस प्रकार विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं प्रोत्साहनों का लाभ लेकर सफल मशरूम उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थी को प्रमाणपत्र, एनएचआरडीएफ किचन गार्डन किट एवं ऑयस्टर मशरूम का बैग वितरित कर उनकी सक्रिय भागीदारी एवं सफल प्रशिक्षण पूर्णता को सराहा।
समापन सत्र में राहुल दाबस (मुख्य लेखा अधिकारी), संजय सिंह (उप निदेशक), ज्ञान प्रकाश द्विवेदी (उप निदेशक), एस.सी. तिवारी (सहायक निदेशक), सुधीर कुमार (सहायक निदेशक), डॉ. गुरदीप रत्तू (वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी) तथा जे.पी. शर्मा की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का समापन मनोज वास्तव, संयुक्त निदेशक द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रशिक्षकों एवं प्रतिभागियों के उत्साही सहयोग एवं योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।