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Updated on: 29 December, 2025 4:30 PM IST
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के लिए आया पहला भारतीय मानक (Image Source - AI generate)

केंद्र सरकार ने खेती में विस्तार लाने की दिशा में अहम कदम उठाया है. सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए आधिकारिक भारतीय मानक IS 19262:2025 जारी किया गया है. इस मानक के लागू होने से न केवल इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि किसान भाई इस मानक की सहायता से ट्रैक्टरों को आसानी से परख सकेंगे और साथ ही भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने यह नया मानक तैयार किया है, जिसे उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने नई दिल्ली में जारी किया है.

कैसे परखे जाएंगे सभी ट्रैक्टर?

केंद्र सरकार द्वारा इस पहल को IS 19262:2025 को ‘इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टर – परीक्षण संहिता’ नाम दिया गया है. इसके तहत अब सभी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की शक्ति, कार्यक्षमता और सुरक्षा का परीक्षण एक तय और पारदर्शी प्रक्रिया से होगा. साथ ही किसान यह जान पाएंगे की वे जिस ट्रैक्टर में निवेश कर रहे हैं, वह खेत में जुताई, बुवाई, ढुलाई और अन्य कृषि कार्यों में कितना सक्षम है.

मानक का इस्तेमाल-

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की शक्ति और गुणवत्ता को मापने के लिए किसान इसमें मौजूद पीटीओ (पावर टेक-ऑफ) पावर, ट्रैक्टर की खींचने की क्षमता, ट्रॉली या हल के साथ प्रदर्शन और बेल्ट-पुली से जुड़े कार्यों की जांच का पूरा करने का तरीका तय किया गया है, जिसके माध्यम से किसान खरीद के समय सही ट्रैक्टर का चुनाव कर सकेंगे.

सुरक्षा और विश्वसनीयता पर खास जोर

मानक में केवल कार्यक्षमता ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और विश्वसनीयता पर भी अधिक जोर दिया गया है, जिसमें ट्रैक्टरों की बैटर, मोटर, वायरिंग और अन्य अहम पुर्जों की जांच तय नियमों के अनुसार होगी. इससे बाजार में घटिया या अधकचरे उत्पादों की एंट्री पर रोक लगेगी. किसानों को यह भरोसा भी मिलेगा कि उनका ट्रैक्टर ताकतवर के साथ सुरक्षित है.

डीजल के मुकाबले सस्ता और टिकाऊ विकल्प

इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा फायदा है उनकी कम परिचालन लागत है. वहीं, जिसस तरह से डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, उससे खेती की लागत पर भारी दबाव पड़ रहा है. इसके मुकाबले बिजली से चलने वाले ट्रैक्टर कहीं अधिक किफायती साबित होते हैं. अगर किसान सोलर पैनल या गांवों में उपलब्ध सस्ती बिजली का उपयोग करें, तो ईंधन खर्च और भी कम हो सकता है.

इसके अलावा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों में शोर बहुत कम होता है और धुआं बिल्कुल नहीं निकलता. इससे न केवल किसानों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता. कम पुर्जों के कारण इनका रखरखाव आसान होता है और मरम्मत पर खर्च भी कम आता है.

English Summary: first Indian standard for electric agricultural tractors has been released
Published on: 29 December 2025, 04:37 PM IST

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