लहसुन का उपयोग सर्दियों से इसके औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है, जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. यह सक्रिय संघटक, एलिसिन की उपस्थिति के कारण होता है, जो इसकी रोगाणु मारने की क्षमता के लिए जिम्मेदार है. लहसुन में मौजूद कार्बनिक सल्फर यौगिक एलिसिन लहसुन को उसकी तीखी गंध देता है और आपके आहार को स्वस्थ बनाता है.
हाल ही में, लहसुन की एक प्राचीन किस्म ने दुनिया भर के घरेलू रसोइयों और रसोइयों के व्यंजनों और पेंट्री में अपना स्थान बनाना शुरू कर दिया है. लहसुन के इस विकल्प को काला लहसुन कहा जाता है. यह व्यंजनों में एक अतिरिक्त स्वाद जोड़ता है जो कोई अन्य जड़ी-बूटी नहीं कर सकती.
लेकिन सवाल यह उठता है कि सफेद लहसुन और काले लहसुन में क्या अंतर है? और दोनों में से कौन ज्यादा फायदेमंद है. अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं. इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि सफेद लहसुन और काले लहसुन में क्या अंतर है, साथ ही इन दोनों में से कौन ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.
काला लहसुन क्या है? (What is Black Garlic?)
काला लहसुन या काला लहसुन कोई नई बात नहीं है. बल्कि यह सफेद लहसुन स्वरूपित या पुराने सफेद लहसुन का एक नया रूप है. इसकी सुगंध सफेद लहसुन की तरह तेज नहीं होती है. लेकिन यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है.
काले लहसुन और सफेद लहसुन के बीच अंतर (Difference Between Black & White Garlic)
ताजा कच्चे लहसुन को 60 से 90 दिनों तक उच्च तापमान पर किण्वित करके काला लहसुन तैयार किया जाता है. जिसके कारण काला लहसुन, नियमित लहसुन के विपरीत, अब मीठे और खट्टे स्वाद के साथ बनावट में मोमी या चिपचिपा होता है. काला लहसुन अपने असामान्य स्वाद और बनावट के कारण हाल ही में सबसे अधिक प्रचारित उत्पादों में से एक है. काला लहसुन एशियाई खाना पकाने में प्रमुख सामग्रियों में से एक है, खासकर जापान और दक्षिण कोरिया में.
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सेहत के लिए है फायदेमंद (Health Benefits of Black Garlic)
सफेद लहसुन में एलिसिन नामक पोषक तत्व होता है, जो काले लहसुन में भी प्रचुर मात्रा में होता है. यह ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल और दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. काला लहसुन शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं. इतना ही नहीं, यह ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करने में हमारी मदद करता है.
इसके अलावा, लहसुन में गर्म शक्ति और तीक्ष्ण गुण होते हैं, यह कफ और वात को संतुलित करता है, पित्त को बढ़ाता है. लहसुन में कार्मिनेटिव, कामोद्दीपक और रेचक गुण होते हैं, यह दिल और बालों के लिए एक टॉनिक है. वहीं, सफेद धब्बे, त्वचा रोग, बवासीर, मधुमेह, खांसी, दमा, राइनाइटिस और आंतों के परजीवी के इलाज के लिए लहसुन का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है. सर्दी-जुकाम होने पर एक चुटकी हल्दी, काली मिर्च को पानी में लहसुन के पेस्ट के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है. साइटिक दर्द और हाई बीपी में लहसुन के साथ दूध उबालकर सेवन करने की सलाह दी जाती है.