भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को तो सब जानते ही हैं. 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद ही (11 जनवरी) उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. मौत की गुत्थी पर आज भी सवाल बना हुआ है. उसी मौत की गुत्थी से जुड़े घटनाक्रमों को सबके सामने लाने वाली फिल्म द ताशकंद फाइल्स पर काग्रेंस ने आपत्ति जताई है. इस फिल्म को लेकर शास्त्री जी के पोते संजय और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विभाकर शास्त्री और दिवाकर शास्त्री ने फिल्म निर्माताओं को लीगल नोटिस भेजा है. साथ ही सूचना प्रासारण मंत्रालय और सीबीएफसी से इस फिल्म की रिलीज़ को रोकने की मांग की है.
फिल्म निर्माता का बयान
फिल्म को लेकर मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्प्रेंस में फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि " रिलीज़ रोकने लिए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि ट्रेलर देखने के बाद शास्त्री जी की मौत पर अनावशयक विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है." अपना पक्ष रखते हुए विवेक ने कहा कि बीते कुछ सप्ताह पहले उन्होंने दिल्ली के चाणाक्यपुरी में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च रखा था. जिसमें शास्त्री जी के बेटे सुनील , पोते संजय समेत उनके परिवार के लोगों के सामने ट्रेलर को लॉन्च किया गया था. साथ ही 7 अप्रैल को फिल्म को लेकर इंटरव्यू का भी आयोजन किया गया था. जिसमें 200 लोग आमंत्रित थे तथा उनमें से 25 लोग शास्त्री जी के करीबी थे. उस समय विभाकर शास्त्री ने इस फिल्म के लिए हमारे प्रति आभार प्रकट किया था.आज उनके नोटिस भेजने वाली बात मेरे समझ से परे है.
फिल्म की स्टारकास्ट
राजनैतिक गलियारों के बीच बनी फिल्म अक्सर बोल्ड होती ही है. पर ये फिल्म इसलिए भी खास है, क्योंकि इसका डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले विवेक अग्निहोत्री ने किया है. ये फिल्म पूरी तरह से पत्रकारों, उनकी मेहनत और ज़ज्बे को समर्पित है. इस फिल्म की स्टारकास्ट की बात करें तो ये फिल्म मल्टीस्टारर फिल्म हैं. जिसमें नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवती, श्वेता बसु प्रसाद, पंकज त्रिपाठी, मंदिरा बेदी और पल्लवी जोशी लीड रोल में हैं. इसलिए एक्टिंग तो जबरदस्त होने वाली है.
फिल्म का प्लॉट
फिल्म के पृष्भूमि की अगर बात करे तों जैसा कि ट्रेलर देखने पर पता चल ही जाता है कि ये फिल्म लाल बहादुर शास्त्री जी पर बनी है. जिसमें दिखाया जाता है कि 1965 के भारत पाक युद्ध के बाद शास्त्री जी ताशकंद जाते हैं. शांति समझौते पर हस्तातक्षर करके अपने होटल के कमरे में लौटते हैं और बिस्तर पर सोने के बाद कभी वापिस नहीं उठते. उनके पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम किए बिना ये कह दिया जाता है कि हार्ट अटैक से शास्त्री जी मौत हो गई. वैसे शास्त्री जी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी या वो एक सियासी चाल थी वो तो आने वाले समय में ही पता चल पायेगा, क्योंकि उनकी मौत की गुत्थी अभी भी एक अनसुलझा रहस्य है. अब देखना यह है कि फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत की गुत्थी पर किस हद तक प्रकाश डालती है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये फिल्म 12 अप्रैल को देशभर के सभी सिमेनाघरों में रिलीज़ होगी.