इनदिनों कई राज्यों में उर्वरक की मारामारी मची हुई हैं. किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कईं राज्य अथक प्रयास भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में एक दिन पहले तक खाली पड़ी प्राइवेट दुकानें और सरकारी गोदामों को मंगलवार को फिर से खाद की बोरियों से भर दिया गया है. मंगलवार को सुबह यूरिया खाद की रैक दतिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं. जिसके बाद प्राइवेट दुकान किसानों की मांगों के अनुरूप ट्रकों में खाद की बोरियां लादकर ले गए.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, लगभग 2000 मीट्रिक टन जिले में प्राइवेट और सरकारी गोदामों में पहुंची है. जबकि 800 मीट्रिक टन भिंड और ग्वालियर भेजी गई है. कृषि विभाग ने भी राज्य के किसानों को आसानी से खाद की बोरियां मुहैया कराने के लिए सभी सरकारी गोदामों पर टोकन सिस्टम शुरू कर दिया है. जबकि प्राइवेट दुकानों पर विभाग के 2 -2 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही प्रत्येक दुकान पर पीओएस मशीन भी रखवाई गई है ताकि खाद देने के दौरान कोई गड़बड़ी न हो सके.
बता दें कि एक दिन पहले तक जिले में खाद की किल्लत देखी जा रही थी. सेंवढ़ा में 100, बसई में 100 और भांडेर में 50 मीट्रिक टन यूरिया बचा था. जबकि दतिया में प्राइवेट दुकानें खाली हो गई थीं. गोदाम पर भी ज्यादा खाद नहीं था. किसानों को परेशानी हो रही थी. लेकिन मंगलवार को खाद की एक रैक उपलब्ध हो गई. रेलवे स्टेशन पर पहुंची रैक में 2854 मीट्रिक टन यूरिया खाद लाया गया. इसमें से 1200 मीट्रिक टन यूरिया मार्कफेड यानि सरकारी वितरण व्यवस्था को भेजा गया. जबकि 800 मीट्रिक टन जिले के प्राइवेट दुकानदारों को भेजा गया.
300 मीट्रिक टन यूरिया भिंड जिले के लहार कस्बे में और 500 मीट्रिक टन यूरिया ग्वालियर समेत अन्य जगहों पर मांग के अनुसार भेजा गया. स्टेशन पर रैक लगते ही ट्रकों की लाइन खाद की बोरियां लादने के लिए लग गईं और खाद लेकर जाने लगीं. बता दे कि 'कृषि विभाग' की ओर से कृषकों को आसानी से यूरिया उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने व अव्यवस्था रोकने के लिए विभाग द्वारा टोकन सिस्टम के जरिए खाद वितरण शुरू किया गया है.