Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने '40 लाख हैप्पी कस्टमर्स' का माइलस्टोन किया हासिल, किसानों को आगे बढ़ाने में सक्षम IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 3 January, 2019 10:10 AM IST

इनदिनों कई राज्यों में उर्वरक की मारामारी मची हुई हैं. किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कईं राज्य अथक प्रयास भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में एक दिन पहले तक खाली पड़ी प्राइवेट दुकानें और सरकारी गोदामों को मंगलवार को फिर से खाद की बोरियों से भर दिया गया है. मंगलवार को सुबह यूरिया खाद की रैक दतिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं. जिसके बाद प्राइवेट दुकान किसानों की मांगों के अनुरूप ट्रकों में खाद की बोरियां लादकर ले गए.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, लगभग 2000 मीट्रिक टन जिले में प्राइवेट और सरकारी गोदामों में पहुंची है. जबकि 800 मीट्रिक टन भिंड और ग्वालियर भेजी गई है. कृषि विभाग ने भी राज्य के किसानों को आसानी से खाद की बोरियां मुहैया कराने के लिए सभी सरकारी गोदामों पर टोकन सिस्टम शुरू कर दिया है. जबकि प्राइवेट दुकानों पर विभाग के 2 -2 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही प्रत्येक दुकान पर पीओएस मशीन भी रखवाई गई है ताकि खाद देने के दौरान कोई गड़बड़ी न हो सके.

बता दें कि एक दिन पहले तक जिले में खाद की किल्लत देखी जा रही थी. सेंवढ़ा में 100, बसई में 100 और भांडेर में 50 मीट्रिक टन यूरिया बचा था. जबकि दतिया में प्राइवेट दुकानें खाली हो गई थीं. गोदाम पर भी ज्यादा खाद नहीं था. किसानों को परेशानी हो रही थी. लेकिन मंगलवार को खाद की एक रैक उपलब्ध हो गई. रेलवे स्टेशन पर पहुंची रैक में 2854 मीट्रिक टन यूरिया खाद लाया गया. इसमें से 1200 मीट्रिक टन यूरिया मार्कफेड यानि सरकारी वितरण व्यवस्था को भेजा गया. जबकि 800 मीट्रिक टन जिले के प्राइवेट दुकानदारों को भेजा गया.

300 मीट्रिक टन यूरिया भिंड जिले के लहार कस्बे में और 500 मीट्रिक टन यूरिया ग्वालियर समेत अन्य जगहों पर मांग के अनुसार भेजा गया. स्टेशन पर रैक लगते ही ट्रकों की लाइन खाद की बोरियां लादने के लिए लग गईं और खाद लेकर जाने लगीं. बता दे कि 'कृषि विभाग' की ओर से कृषकों को आसानी से यूरिया उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने व अव्यवस्था रोकने के लिए विभाग द्वारा टोकन सिस्टम के जरिए खाद वितरण शुरू किया गया है.

English Summary: fertilizer will be shared with tokens
Published on: 03 January 2019, 10:12 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now