भारतीय बीज उद्योग महासंघ (FSII), 13 सितंबर, 2024 को नॉलेज डे कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेगा जिसका विषय है अमृत काल के लिए खाका: प्रौद्योगिकी, संबलकर्ता और प्रभाव. यह कार्यक्रम कृषि और बीज उद्योग के प्रमुख लोगों को एक साथ लाएगा, ताकि भारत के कृषि क्षेत्र के भविष्य और उसमें तकनीक की भूमिका पर चर्चा की जा सके.
कार्यक्रम विवरण:
- तारीख: 13 सितंबर 2024 (शुक्रवार)
- समय: 03:00 अपराह्न – 07:30 अपराह्न
- स्थान: जैकरैंडा हॉल, इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोदी रोड, नई दिल्ली - 110016
प्रमुख अतिथि और वक्ता:
1. सूर्य प्रताप शाही
कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सरकार की उन योजनाओं पर प्रकाश डालेंगे जो किसानों को सशक्त बनाने और कृषि में तकनीक को आगे बढ़ाने पर केंद्रित हैं.
2. प्रो. विजय पॉल शर्मा
अध्यक्ष, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP), भारत सरकार
प्रो. शर्मा किसानों को उचित मूल्य दिलाने और बाजार की स्थिरता बनाए रखने पर अपने विचार साझा करेंगे.
3. अजय वीर जाखड़
अध्यक्ष, भारत कृषक समाज
किसानों के अधिकारों के लिए एक अग्रणी आवाज, अजय वीर जाखड़ इस बात पर चर्चा करेंगे कि किस प्रकार तकनीक और नीतियां भारतीय किसानों को समृद्ध बना सकती हैं.
4. अजय राणा
अध्यक्ष, FSII और प्रबंध निदेशक और सीईओ, सवाना सीड्स
अजय राणा बीज उद्योग की भूमिका और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए नवाचार और सतत प्रथाओं पर अपने विचार साझा करेंगे.
5. राजवीर राठी
उपाध्यक्ष, FSII और निदेशक - पब्लिक अफेयर्स, साइंस और सस्टेनेबिलिटी IBSL; लीड - ट्रेट्स लाइसेंसिंग बिजनेस, बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड
राजवीर राठी विज्ञान और स्थिरता के जरिए भारतीय कृषि के भविष्य को आकार देने के तरीकों पर बात करेंगे.
6. राम कौंडिन्य
सलाहकार, फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया
राम कौंडिन्य भारतीय बीज उद्योग और कृषि नवाचार में उसकी बदलती भूमिका पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेंगे.
7. डॉ. संतोष अत्तावर
अध्यक्ष, इंटरनेशनल सीड फेडरेशन (ISF) और चेयरमैन व प्रबंध निदेशक, इंडो-अमेरिकन हाइब्रिड सीड्स (इंडिया) प्रा. लि.
डॉ. अत्तावर वैश्विक बीज उद्योग की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं और भारतीय कृषि में उनके संभावित उपयोग पर चर्चा करेंगे.
इस कार्यक्रम में क्यों शामिल हों?
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कृषि क्षेत्र में उभरते रुझानों और तकनीकों के बारे में उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं से जानें.
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किसानों को सशक्त बनाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नवाचारों का पता लगाएं.
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उद्योग के विशेषज्ञों, सरकारी प्रतिनिधियों और अन्य भागीदारों के साथ नेटवर्किंग करें और एक स्थायी भविष्य के लिए सहयोग बढ़ाएं.
यह नॉलेज डे कॉन्फ्रेंस तकनीक और कृषि के बीच तालमेल का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा, जो भारत को अमृत काल में उसकी पूरी क्षमता हासिल करने में मदद करेगा.