Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 August, 2022 12:23 PM IST
Farmers will suffer heavy losses due to less rain in these states

जहां एक तरफ मानसून के चलते भारी बारिश के कारण लोगों को बाढ़ व भूस्खलन का सामान करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ देश के कई राज्य ऐसे भी जहां पर कम बारिश के चलते फसल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है. 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेशबिहारझारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में पिछले 122 वर्षों में जुलाई महीने में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है. जो कि धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बुरी खबर है. तो वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो  अगले 2 महीनों में इन क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.

इन राज्यों में होगी कम वर्षा

जहां तक ​​​​मौसम विभाग के पूर्वानुमान का सवाल हैपश्चिमी तट के कई हिस्सों और पूर्वी मध्यपूर्व और उत्तर-पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. पूर्वी उत्तर प्रदेशझारखंड और पश्चिम बंगाल में अभी भी अगस्त में सामान्य बारिश हो सकती है, लेकिन बिहार के लिए अनुमान बहुत उत्साहजनक नहीं लग रहे हैं जिसके कारण राज्य को सबसे अधिक प्रभावित होना पड़ सकता है. 

तो वहीं दूसरी तरफ देशभर में मानसून अब तक सामान्य से प्रतिशत अधिक रहा है. पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में अब तक 16 प्रतिशत तक की कमी के साथ शुष्क (Dry) मौसम का सामना करना पड़ रहा है. तो वहीं जुलाई महीने में वर्षा विशेष रूप से सामान्य से लगभग 44 प्रतिशत कम थीजो पिछले 122 वर्षों में सबसे कम हैआपको बता दें कि इससे पहले सन् 1903 में जुलाई के महीने में इतनी कम बारिश दर्ज की गई थी.

सूखे की स्थिति

लंबे समय तक शुष्क मानसून ने इस क्षेत्र को सूखे जैसी स्थिति में धकेल दिया हैजिसका धान की बुवाई करने वाले किसानों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. जुलाई माह के अंत तकबिहार में 474 मिमी सामान्य के मुकाबले केवल 278 मिमी वर्षा हुई थीजिसमें 41 प्रतिशत की भारी कमी थी. झारखंड में भी लगभग 50 प्रतिशत की कमी है10 जिलों में बड़े पैमाने पर कम बारिश हुई है. 

यह भी पढ़ें : पोषण से भरपूर है करोंदा, जानिए इसके औषधीय और फलों के उपयोग के बारे में

यदि सिलसिला यूं ही चलता रहा तो वाकई आने वाले दिनों में किसानों को कम बारिश के चलते धान की फसल में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि धान की फसल के लिए पानी की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता होती है और कम बारिश होना किसानों के लिए नुकसान के संकेत हैं.

English Summary: Farmers will suffer heavy losses due to less rain in these states
Published on: 07 August 2022, 12:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now