Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 August, 2022 12:23 PM IST
Farmers will suffer heavy losses due to less rain in these states

जहां एक तरफ मानसून के चलते भारी बारिश के कारण लोगों को बाढ़ व भूस्खलन का सामान करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ देश के कई राज्य ऐसे भी जहां पर कम बारिश के चलते फसल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है. 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेशबिहारझारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में पिछले 122 वर्षों में जुलाई महीने में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है. जो कि धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बुरी खबर है. तो वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो  अगले 2 महीनों में इन क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.

इन राज्यों में होगी कम वर्षा

जहां तक ​​​​मौसम विभाग के पूर्वानुमान का सवाल हैपश्चिमी तट के कई हिस्सों और पूर्वी मध्यपूर्व और उत्तर-पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. पूर्वी उत्तर प्रदेशझारखंड और पश्चिम बंगाल में अभी भी अगस्त में सामान्य बारिश हो सकती है, लेकिन बिहार के लिए अनुमान बहुत उत्साहजनक नहीं लग रहे हैं जिसके कारण राज्य को सबसे अधिक प्रभावित होना पड़ सकता है. 

तो वहीं दूसरी तरफ देशभर में मानसून अब तक सामान्य से प्रतिशत अधिक रहा है. पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में अब तक 16 प्रतिशत तक की कमी के साथ शुष्क (Dry) मौसम का सामना करना पड़ रहा है. तो वहीं जुलाई महीने में वर्षा विशेष रूप से सामान्य से लगभग 44 प्रतिशत कम थीजो पिछले 122 वर्षों में सबसे कम हैआपको बता दें कि इससे पहले सन् 1903 में जुलाई के महीने में इतनी कम बारिश दर्ज की गई थी.

सूखे की स्थिति

लंबे समय तक शुष्क मानसून ने इस क्षेत्र को सूखे जैसी स्थिति में धकेल दिया हैजिसका धान की बुवाई करने वाले किसानों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. जुलाई माह के अंत तकबिहार में 474 मिमी सामान्य के मुकाबले केवल 278 मिमी वर्षा हुई थीजिसमें 41 प्रतिशत की भारी कमी थी. झारखंड में भी लगभग 50 प्रतिशत की कमी है10 जिलों में बड़े पैमाने पर कम बारिश हुई है. 

यह भी पढ़ें : पोषण से भरपूर है करोंदा, जानिए इसके औषधीय और फलों के उपयोग के बारे में

यदि सिलसिला यूं ही चलता रहा तो वाकई आने वाले दिनों में किसानों को कम बारिश के चलते धान की फसल में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि धान की फसल के लिए पानी की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता होती है और कम बारिश होना किसानों के लिए नुकसान के संकेत हैं.

English Summary: Farmers will suffer heavy losses due to less rain in these states
Published on: 07 August 2022, 12:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now