सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 18 September, 2021 6:25 PM IST
Farmers

मध्य प्रदेश के किसान अब घर से अपनी उपज बेच सकेंगे. दरअसल  महामारी के दौरान प्रदेश की मंडियां बंद रहने पर सरकार ने व्यापारियों को किसानों के घर से ही फसल खरीदने की छूट दी थी. जिससे अच्छे परिणाम‌ भी दिखने लगे थे. इसीलिए सरकार अब मोबाइल ऐप के जरिए खरीदी की व्यवस्था को स्थायी रूप देने जा रही है.

मछली उत्पादकता में नंबर वन बना हरियाणा

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने दावा किया है कि उनका प्रदेश मत्स्य उत्पादकता के क्षेत्र में भारत में 9 हजार 6 सौं किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से प्रथम स्थान पर है. प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सभी जिला मत्स्य अधिकारियों को 31 मार्च, 2022 तक मत्स्य यूनिट स्थापित करने के लक्ष्य दिए गए हैं. साथ ही दलाल जल्द ही मत्स्य विभाग के अधिकारियो के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे.

9400  रुपए क्विंटल हुआ सरसों का भाव

विदेशी बाजारों में सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य बढ़ाए जाने से एक ओर जहां विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में गिरावट आई, दरअसल सरकार ने कच्चा पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 185 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है, जबकि सोयाबीन तेल का आयात शुल्क मूल्य 183 रुपये और पामोलीन तेल का आयात शुल्क मूल्य 235 रुपये क्विंटल बढ़ा दिया गया है. इस वृद्धि के बाद स्थानीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव मजबूत हो गए.

9400  रुपए क्विंटल हुआ सरसों का भाव

विदेशी बाजारों में सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य बढ़ाए जाने से एक ओर जहां विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में गिरावट आई, दरअसल सरकार ने कच्चा पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 185 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है, जबकि सोयाबीन तेल का आयात शुल्क मूल्य 183 रुपये और पामोलीन तेल का आयात शुल्क मूल्य 235 रुपये क्विंटल बढ़ा दिया गया है. इस वृद्धि के बाद स्थानीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव मजबूत हो गए.

वैज्ञानिकों ने जारी की एग्रीकल्चर एडवाइजरी

IARI के वैज्ञानिकों की किसानों को खास सलाह

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने नई एग्रीकल्चर एडवाइजरी जारी की है. कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले पांच दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए सभी सब्जियों, दलहनी फसलों, मक्का और पौधशाला में जल निकास का उचित प्रबंध करें. साथ ही सभी फसलों में किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें. तो वहीं वैज्ञानिकों ने किसानों को इस मौसम में अगेती मटर की बुवाई करने की सलाह दी गई है.

एचएयू की प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम हुए घोषित

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बीएससी एग्रीकल्चर चार वर्षीय कोर्स, MSC होम साइंस और MSC एग्रीकल्चर कोर्स के प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया हैं. जिसमें हांसी की आस्था ने 91.50 अंकों के साथ प्रथम स्थान हासिल किया. तो वहीं हांसी के ही अमन ने 91.50 अंकों के साथ दूसरा और भूना की प्रेरणा ने 90.50 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है.

पंजाब सरकार से नाराज 8000 किसान

पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को जीरो लाइन जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से 8000 किसान, पंजाब सरकार से नाराज हैं. बीते दिन सरकार से नाराज किसान, कैप्टन आवास घेरने निकले, लेकिन पुलिस ने किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश ही नहीं करने दिया और किसान वहीं धरने पर बैठ गए, जिसके बाद सरकार ने किसानों को बातचीत करने का न्योता दिया है.

English Summary: Farmers will now be able to sell their crops from home through Mobile App
Published on: 18 September 2021, 06:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now