मोदी सरकार ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया. इस बजट में मोदी सरकार ने निम्न-मध्यम वर्ग को अन्य वर्गों की अपेक्षा ज्यादा सौगात देकर देश की तकरीबन 70 फीसद आबादी को साधने की कोशिश की है. इस बजट को लेकर पहले से ही किसानों के लिए कई बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही थी. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी बजट पेश करने के दौरान किसानों को निराश न करते हुए उनके लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं. विपक्षी दलों ने इस बजट को भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र करार दिया, तो वहीं सत्ताधारी दल ने किसानों के लिए इसे इक ऐतिहासिक पहल बताया.
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी केंद्रीय बजट को राष्ट्र को समग्र विकास के पथ पर ले जाने वाला एक संतुलित बजट बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट न्यू इंडिया के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा. शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में मीडिया से बातचीत में सीएम रघुवर दास ने कहा कि इस बजट में किसानों के वर्तमान और भविष्य को संवारने का प्रयास किया गया है. कृषि क्षेत्र में 75 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए संतुलन बनाया गया है. यह बजट प्रधानमंत्री के विजन 'सबका साथ, सबका विकास' को दर्शाता है.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने झारखंड के संदर्भ में बजट के दोहरे फायदे को भी साझा किया. उन्होंने कहा, नए बजट से झारखंड के किसानों को अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा फायदा मिलेगा. झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों के लिए पहले से ही 'मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना' राज्य में लागू की है. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ 5 हजार रुपये की राशि सालाना उपलब्ध कराई जा रही है.
गौरतलब है कि बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के लिए 'प्रधानमंत्री किसान योजना' लागू करने की घोषणा की है. इस योजना के तहत देश के छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक जमीन है, उन किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह राशि 3 किश्त में किसानों के बैंक खातें में सीधे जाएगी.
झारखंड के किसानों को दोहरा फायदा
'प्रधानमंत्री किसान योजना' के तहत केंद्र सरकार दो हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों को 6 हजार रुपये प्रति वर्ष की सहायता राशि मुहैया कराएगी. राज्य सरकार ने भी अपने बजट में 'मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना' के तहत एक एकड़ या उससे कम जमीन रखने वाले किसानों को पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. इस लिहाज से राज्य के किसानों को प्रति वर्ष कम से कम 11 हजार रुपये सालाना मिलेंगे. गौरतलब है कि झारखंड सरकार अधिकतम पांच एकड़ तक के लिए राशि दे रही है. ऐसे में केंद्र और राज्य के अनुदान को मिला दिया जाए तो राज्य के किसानों को अधिकतम 31 हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी.
विवेक राय, कृषि जागरण