भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र,पूसा में आज गुरुवार को राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) के विकास और समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसका मुख्य विषय क्वालिटी असेसमेंट सॉल्यूशंस फॉर एग्रीकल्चर कमोडिटीज रहा. यह वर्कशॉप संयुक्त रूप से बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ICAR-IARI नई दिल्ली और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) कोलकाता द्वारा आयोजित की गई. आपको बता दें कि इस वर्कशॉप में कृषि जागरण की टीम भी मौजूद रही.
इस अवसर पर संजय गर्ग (एडिशनल सेक्रेटरी, आईसीएआर) ने कहा कि आने वाले समय में भारतीय कृषि के सामने बहुत चुनौतियां हैं, जिसमें से सबसे बड़ी चुनौती उत्पादकता को बढ़ावा देना है. जैसा कि हम मौजूदा समय में ग्लोबल बेंचमार्किंग में बहुत पीछे हैं इसलिए इसके लिए हमें बेहतर काम करने की जरूरत है.
साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि देश भर में 113 रिसर्च संस्थान और 730 कृषि विज्ञान केंद्र हैं. साथ ही अब तकनीकी और एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन सेंटर भी देश भर में स्थापित किए जा रहे हैं ताकि किसानों को तकनीकी से संबंधित जानकारी आसानी से मिल सके.
इस वर्कशॉप में ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस को प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रकट किए. आपको बता दें इस ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस का मुख्य काम किसानों की फसलों का सही मूल्यांकन करना है. आसान भाषा में कहें तो ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस किसानों की फसलों की सही गुणवत्ता का पता लगाकर उसके मूल्य तय करने का काम करता है.
जैसा कि अब तक ऐसा होता आ रहा था कि किसानों की फसलों का मूल्य मंडी में ही निर्धारित किया जाता था जिससे उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल पाता था. लेकिन अब ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस से किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा और फसल गुणवत्ता का भी पता लग सकेगा. इससे किसानों के साथ फसलों की गुणवत्ता के मूल्य को लेकर हो रही कोई भी धोखाधड़ी नहीं होगी.
बता दें कि ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस मार्केट केवीके सेंटरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाए जाने का काम किया जायेगा. यानी किसान अपने किसी भी नजदीकी केवीके सेंटर पर जाकर ये डिवाइस ले सकेंगे.