Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 December, 2022 3:52 PM IST
भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, पूसा में राष्ट्रीय कृषि बाजार को बढ़ावा देने के लिए किया गया वर्कशॉप का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र,पूसा में आज गुरुवार को राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) के विकास और समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसका मुख्य विषय क्वालिटी असेसमेंट सॉल्यूशंस फॉर एग्रीकल्चर कमोडिटीज रहा. यह वर्कशॉप संयुक्त रूप से बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ICAR-IARI नई दिल्ली और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) कोलकाता द्वारा आयोजित की गई. आपको बता दें कि इस वर्कशॉप में कृषि जागरण की टीम भी मौजूद रही.

भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, पूसा में राष्ट्रीय कृषि बाजार को बढ़ावा देने के लिए किया गया वर्कशॉप का आयोजन

इस अवसर पर संजय गर्ग (एडिशनल सेक्रेटरी, आईसीएआर) ने कहा कि आने वाले समय में भारतीय कृषि के सामने बहुत चुनौतियां हैं, जिसमें से सबसे बड़ी चुनौती उत्पादकता को बढ़ावा देना है. जैसा कि हम मौजूदा समय में ग्लोबल बेंचमार्किंग में बहुत पीछे हैं इसलिए इसके लिए हमें बेहतर काम करने की जरूरत है.

साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि देश भर में 113 रिसर्च संस्थान और 730 कृषि विज्ञान केंद्र हैं. साथ ही अब तकनीकी और एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन सेंटर भी देश भर में स्थापित किए जा रहे हैं ताकि किसानों को तकनीकी से संबंधित जानकारी आसानी से मिल सके.

e-Quality Assessment Solutions for Agricultural Commodities

इस वर्कशॉप में ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस को प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रकट किए. आपको बता दें इस ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस का मुख्य काम किसानों की फसलों का सही मूल्यांकन करना है. आसान भाषा में कहें तो ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस किसानों की फसलों की सही गुणवत्ता का पता लगाकर उसके मूल्य तय करने का काम करता है.

जैसा कि अब तक ऐसा होता आ रहा था कि किसानों की फसलों का मूल्य मंडी में ही निर्धारित किया जाता था जिससे उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल पाता था. लेकिन अब ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस से किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा और फसल गुणवत्ता का भी पता लग सकेगा. इससे किसानों के साथ फसलों की गुणवत्ता के मूल्य को लेकर हो रही कोई भी धोखाधड़ी नहीं होगी.

बता दें कि ई क्वालिटी असेसमेंट डिवाइस मार्केट केवीके  सेंटरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाए जाने का काम किया जायेगा. यानी किसान अपने किसी भी नजदीकी केवीके सेंटर पर जाकर ये डिवाइस ले सकेंगे.

English Summary: Farmers will get direct benefit from e-quality assessment device, now there will be no fraud
Published on: 08 December 2022, 03:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now