देश में मार्च महीने में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की लाखों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है. ऐसे में किसान परेशान हैं, लेकिन किसानों के नुकसान को देखते हुए राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर मुआवजा देने का ऐलान कर रही हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने भी राज्य के किसानों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है.
आकंड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बिहार में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से शिवहर, सीतामढ़ी, रोहतास, मुजफ्फरपुर, गया और पूर्वी चंपारण के छह जिलों में कुल 54,022 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल का 33 प्रतिशत और उससे अधिक का नुकसान हुआ है.
इस नुकसान को देखते हुए बिहार सरकार ने फसल नुकसान का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसको लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिहार सरकार ने संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के बाद बेमौसम बारिश से प्रभावित छह जिलों के किसानों को फसल के नुकसान के लिए मुआवजा देने का फैसला किया है. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किसानों को नियमानुसार मुआवजा देने की बात कही गई है.
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसका निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में जारी किया, जिसमें कृषि और आपदा प्रबंधन विभागों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 6 जिलों में कुल 54,022 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत और उससे अधिक खड़ी फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है.
अधिकारियों के मुतबाकि, किसानों के फसल नुकसान का जल्द आकलन कर प्रति हेक्टेयर सिंचित और असिंचित भूमि के लिए मानदंडों के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. बिहार के कृषि विभाग के मुताबिक, प्रभावित किसान असिंचित भूमि के लिए 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर और सिंचित भूमि के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर पाने के पात्र होंगे.
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बता दें कि कृषि विभाग, बिहार सरकार ने पहले जिलाअधिकारी से फसल नुकसान की रिपोर्ट भेजने को कहा था ताकि मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जा सके.