किसान भाई अपनी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए यूरिया का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है. किसानों के लिए इसके इतनी अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने की वजह के चलते ही बाजार में यूरिया की मांग सबसे अधिक है. एक सर्वे से पता चला है कि ज्यादातर किसानों को फसल के लिए समय पर सरलता से फर्टिलाइजर (fertilizer) नहीं मिल पा रहे हैं. यह देश के किसानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी की समस्या है.
आपको बता दें कि इस परेशानी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रव्यापी योजना (Nationwide plan) को तैयार किया है, ताकि किसानों को समय पर खाद मिल सके. इसके अलावा सरकार यूरिया सब्सिडी स्कीम में भी बदलाव करने पर विचार कर रही है, जिससे बाजार में चल रही खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके.
100 करोड़ रुपए से ज्यादा खाद फर्जी लोगों तक पहुंची
देश के उर्वरक विभाग ने खाद की कालाबाजारी करने वाले दोषियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई शुरू कर दी है और साथ ही सरकार के द्वारा सभी खाद की दुकानों (compost shops) पर भी निगरानी रखी जा रही है. देखा जाए तो पिछले कुछ महीनों में लगभग 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खाद की सब्सिडी फर्जी लोगों तक पहुंची है, जिसके ऊपर सरकार जांच कर रही है.
जानकारी से पता चला है कि हमारे देश में ज्यादातर खाद विदेशों से मंगवाई जाती है, जिसके चलते इनके दाम अधिक होते हैं, लेकिन फिर भी देखा जाए तो सरकार खाद के लिए कई तरह-तरह की सब्सिडी को लाती रहती है, ताकि किसानों को यह कम कीमतों पर मिल सके, जिसका इस्तेमाल से आप अपने फसल से अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकें.
खाद पर 2,700 रुपये से ज्यादा सब्सिडी
भारत सरकार देश के निर्धन व गरीब किसानों को 266 रुपए प्रति बोरी जोकि 45 किलो की होती है. इस खाद को सरकार रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जाती है और साथ ही केंद्र सरकार एक बोरी पर कम से कम 2,700 रुपये से भी ज्यादा की सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवाती है.
इस क्रम में अगर किसान सरकार की राष्ट्रव्यापी योजना (Nationwide plan) के तहत एक बोरी यूरिया खरीदता है, तो वह 2700 रुपए तक की सहायता सरकार से प्राप्त कर सकता है. इसके लिए आपको खाद खरीदने के बाद कृषि सहयोग सोसायटी में संपर्क करना होगा. जहां आपको कुछ जरूरी जानकारी दर्ज कर यह राशि प्राप्त हो जाएगी.