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Updated on: 29 July, 2025 6:17 PM IST
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान, देश में समग्र कृषि विकास की तथ्यों व आंकड़ों सहित जानकारी विस्तार से दी और बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने का अभियान निरंतर जारी है.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए छह उपाय किए गए हैं. पहला– सरकार ने उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. दूसरा– आय बढ़ाने के लिए लागत कम करना. तीसरा– उत्पादन के ठीक दाम सुनिश्चित करना. चौथा– नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजे की व्यवस्था. पांचवां– कृषि का विविधीकरण, केवल एक फसल की खेती नहीं, बल्कि फलों, फूलों, सब्ज़ियों, औषधियों की खेती, कृषि वानिकी, मछली पालन, पशुपालन, अलग-अलग प्रयत्नों को बढ़ावा देना और छठा – प्राकृतिक खेती और संतुलित उर्वरकों के प्रयोग के साथ भावी पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित रखना.

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में फसलों का उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर अब 353.96 मिलियन टन हो गया है. दलहन उत्पादन 16.38 मिलियन टन से बढ़कर 25.24 मिलियन टन हो गया, वहीं तिलहन उत्पादन, 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 42.61 मिलियन टन हो गया है. बागवानी उत्पादन 280.70 मिलियन टन से बढ़कर 367.72 मिलियन टन हो गया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसानों द्वारा ही दूध का उत्पादन किया जा रहा है और इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जहां तक किसानों की आय का सवाल है, मैं दावे के साथ कहता हूं कि कई किसानों की आय दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है. पूर्व यूपीए सरकार में कृषि बजट 27 हज़ार करोड़ रु. था, जो बढ़कर अब 1 लाख 27 हज़ार करोड़ रुपए हो गया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पहले थी ही नहीं और अब 10 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित किया जा रहा है. हमें अपने प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर गर्व है.

उर्वरकों पर केंद्र सरकार दे रही 2 लाख करोड़ रुपए सब्सिडी

शिवराज सिंह ने कहा कि लगभग 2 लाख करोड़ रुपए उर्वरकों पर केंद्र सरकार सब्सिडी दे रही है. उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार में केसीसी और बाकी संस्थागत लोन की राशि मात्र 7 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये हो गई है. ‘फसल बीमा योजना’ में केंद्र सरकार ने 35 हजार करोड़ रु. प्रीमियम के मुक़ाबले 1 लाख 83 हजार करोड़ रु. क्लेम किसानों के खाते में डालने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मैकेनाइजेशन पर सब्सिडी दे रही है. "पर ड्रॉप-मोर क्रॉप" पर किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर दिए जा रहे हैं. पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस टेक्नॉलाजी, फल-सब्ज़ियों के उत्पादन से लेकर बाकी सभी चीज़ों में उत्पादन बढ़ाने के प्रयास और ठीक ढंग से ख़रीदने के प्रयास किए जा रहे हैं.

किसानों को 50% मुनाफ़ा जोड़कर दी जाएगी एमएसपी

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की आय बढ़े, इसलिए सरकार ने फैसला किया कि लागत में कम से कम 50% मुनाफ़ा जोड़कर किसानों को एमएसपी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल व्यापक पैमाने पर एमएसपी पर फसलों की खरीद हो रही. नुक़सान की भरपाई की जा रही है. यूरिया, डीएपी, बाकी उर्वरक, सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिससे किसानों की आय निरंतर बढ़ रही है.

कई योजनाएं उन किसानों के लिए चलाई जाती है, जिनके पास कम लैंड होल्डिंग होती है. जो टेनेंट फॉर्मर्स हैं, उनके लिए अलग-अलग योजना है. केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगर जिसके पास स्वामित्व है वो किसान, टेनेंट फॉर्मर को अधिकृत कर देते हैं तो फसल बीमा योजना का लाभ उनको मिलता है. पिछले दिनों जो हमारे टेनेंट फॉर्मर्स हैं और जो बटाई पर खेती करते हैं, उनको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऐसे टेनेंट और शेयर क्रॉपर दोनों मिलाकर शेयर क्रॉपर 6 लाख 55 हजार 846 किसानों को लाभ दिया गया है, वहीं 41 लाख 62 हजार 814 किसानों को लाभ दिया गया है.

आगे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि दलहन व तिलहन खरीद के लिए पीएम आशा योजना बनाई गई है. तुअर, मसूर व उड़द ये 100% एमएसपी पर खरीदी जाएगी, ये फैसला किया है, और बाकी भी जो फसलें दलहन, तिलहन की हो, उसे भी खरीदने की उचित व्यवस्था की गई है. हम लगातार प्रयत्न कर रहे हैं कि बिचौलिए सफल ना हो पाएं, किसानों को जो एमएसपी का रेट तय है, वो ठीक ढंग से मिलें.

चौहान ने आंकड़ों सहित बताया कि धान की एमएसपी 2013–14 में ₹1310 थी, अब बढ़कर ₹2369 हो गई है. बाजरा ₹1250 से ₹2775 हो गया. रागी की ₹1500 से बढ़ाकर ₹4886 कर दी गई. मक्का की ₹1310 से बढ़ाकर ₹2400 कर दी गई. तुअर की ₹4300 से बढ़ाकर ₹8000 कर दी गई. मूंग की ₹4500 से बढ़ाकर ₹8768 कर दी गई. उड़द ₹4300 से बढ़ाकर ₹7800 कर दी गई. मूंगफली की ₹4000 से बढ़ाकर ₹7263 कर दी गई. सूरजमुखी की ₹3700 से बढ़ाकर ₹7721 कर दी गई. सोयाबीन की ₹2560 से बढ़ाकर ₹5328 कर दी गई. तिल की ₹4500 से बढ़ाकर ₹9846 कर दी गई. रामतिल की ₹3500 से बढ़ाकर ₹9537 कर दी गई. कपास की ₹3700 से बढ़ाकर ₹7710 कर दी गई. उन्होंने काहा कि एमएसपी दोगुनी तो की ही है साथ ही साथर खरीद भी कई गुना ज़्यादा की है. पूर्व सरकार में 10 साल में सिर्फ 6 लाख मीट्रिक टन दलहन खरीदी गई थी और अब यह आकड़ा बढ़कर 1 करोड़ 82 लाख मीट्रिक टन हो गया है.

समय पर क्लेम नहीं देने पर किसानों को मिलेगा 12% ब्याज

अंत में केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी हितैषी प्रधानमंत्री हैं, इसलिए पूर्व की फसल बीमा योजना को किसान हितैषी बनाकर उसमें अनेक परिवर्तन किए गए हैं. अब अगर बीमा कंपनी, किसान को जो क्लेम बनता है, उसका समय पर भुगतान नहीं करती तो निर्धारित तिथि के 21 दिन में भुगतान नहीं करने पर 12% ब्याज बीमा कंपनी पर लगाया जाएगा, जो किसान के खाते में डाला जाएगा.

दूसरा, कई बार राज्य सरकार का शेयर आने में भी देर होती है, राज्य सरकर भी अगर शेयर करने में देर करेगी तो उनपर भी 12% ब्याज लगेगा, जो सीधे किसान के खाते में जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अब क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट की दिक्कतें दूर कर यसटेक (प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान) प्रणाली अपनाई गई है, सेटेलाइट आधारित रिमोट सेन्सिंग के माध्यम से फसल का आंकलन करने की व्यवस्था की गई है, इससे पारदर्शी व्यवस्था को बल मिलेगा. अब डिजिटली फसल की क्षति का आंकलन हो सकेगा, जिसके आधार पर पूरी भरपाई किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत की जाएगी.

English Summary: Farmers will get 12% interest if crop insurance claim is not paid on time- Agriculture Minister Shivraj Singh
Published on: 29 July 2025, 06:22 PM IST

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