बारिश के बाद यूरिया की मांग काफी बढ़ गई है. रबी सीजन को लेकर किसानों को भी फसलों की बुवाई के लिए खाद की आवश्यकता होती है, लेकिन खाद की आपूर्ति नहीं हो रही है. वहीँ बुधवार को हरियाणा के जींद जिले के किसान यूरिया के लिए परेशान रहे हैं. जिसके बाद पिल्लूखेड़ा में किसानों ने पुलिस थाना के बाहर अपना आक्रोश दिखाते हुए जाम लगा दिया, तो वहीँ नरवाना में भी जमकर हंगामा किया.
इसके अलावा उचाना व सफीदों में भी खाद लेने के लिए लंबी लाइन लगी रही.इतना ही नहीं, इस बार खाद के लिए महिलाओं को भी लाइन में लगना पड़ रहा है. समय पर खाद ना मिलने की वजह से किसानों को ना सिर्फ घंटो लाइनों में खड़ा होना पर रहा है, बल्कि फसलों का नुकसान होने लगा है.
पुलिस कर्मचारी बांटते दिखे खाद टोकन
नरवाना मंडी में बुधवार सुबह यूरिया लेने वाले किसानों की भारी भीड़ लगी. कृषि विभाग के अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि 12 जनवरी को नरवाना में खाद पहुंचेगा. जानकारी मिलते ही काफी संख्या में किसान सुबह सवेरे माल गोदाम रोड व पुरानी अनाज मंडी में पहुंच गए. इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा और पुलिस कर्मचारी भी खाद के टोकन बांटते देखे गए.उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह भी अन्य कृषि अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने अलग-अलग छह दुकानों पर खाद वितरण करवाया. किसानों ने लंबी कतारों में लगकर खाद के टोकन हासिल किए. उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को नरवाना में एनएफएल के 6500 बैग पहुंचे, जिन्हें किसानों को दिलवाया गया है.
किसानों को भी दी गयी कम खाद
पहले प्रति किसान पांच बैग देने की व्यवस्था की गई, लेकिन बाद में किसानों की भारी संख्या को देखते हुए तीन बैग प्रति किसान खाद के दिए गए. वहीं किसानों ने कहा कि नरवाना में खाद का पूरा रैक लगना चाहिए. यदि खाद का रैक नहीं लगा, तो वे रोड जाम कर प्रदर्शन करेंगे.
पर्चियां कम पड़ीं तो किसानों ने दिखाया आक्रोश
यूरिया की कमी के चलते किसानों ने पिल्लूखेड़ा थाने के सामने जींद-सफीदों मार्ग पर जाम लगा दिया. इस दौरान वाहनों की लंबी कतारें लग गई. जाम की सूचना के बाद पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने किसानों को समझाकर शांत कर जाम को खुलवाया. पिल्लूखेड़ा में यूरिया खाद की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. बुधवार को पिल्लूखेड़ा थाने में यूरिया खाद की पर्चियां काटी जा रही थी. खाद के बैगों की संख्या कम थी, इसके चलते किसानों का धैर्य जवाब दे गया और थाने के सामने ही जींद-सफीदों मार्ग को जाम कर दिया.
किसानों को खाद की है जरुरत
किसानों का कहना था कि बारिश के बाद गेहूं की बढ़ोतरी के लिए यूरिया खाद की बहुत आवश्यकता है, लेकिन पिल्लूखेड़ा में यूरिया खाद बहुत कम मात्रा में आ रहा है. इतना ही नहीं, यूरिया खाद के लिए महिलाएं व लड़कियां भी लाइनों में लगने को मजबूर हैं. खंड कृषि अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र व एडीओ रविंद्र अपनी टीम के साथ यूरिया खाद को बंटवाने में लगे हुए हैं, लेकिन यूरिया खाद के बैग कम आ रहे हैं और लेने वाले किसानों की संख्या अधिक है.
कड़ाके की ठंड में किसान लगे लाइनों में
उचाना की पुरानी मंडी व रजबाहा रोड पर निजी दुकानों में यूरिया खाद आया. सुबह ही मंडी में किसान पहुंचे लगे थे. कड़ाके की ठंड में अपनी फसल को खराब होने से बचाने के लिए यूरिया खाद लेने के लिए लंबी लाइनों में किसान लगे नजर आए. कई घंटे लाइनों में लगकर किसानों को यूरिया लेने के लिए इंतजार करना पड़ा. आधार कार्ड पर किसानों को यूरिया के बैग दिए गए. महिलाएं भी काफी संख्या में खाद लेने के लिए पहुंचीं. किसान रमेश, विनोद, कर्मबीर, नरेंद्र ने कहा कि यूरिया खाद की किल्लत होने से परेशानी हो रही है. सेल्समैन सतीश ने कहा कि यूरिया खाद आने पर किसानों को खाद बांट दिया गया.
मंडियों में फिर लगी लम्बी लाइन
सफीदों में यूरिया खाद को लेकर मारामारी कम होने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को भी पुरानी अनाज मंडी में अनेक वितरकों के पास लाइन में लगकर किसानों ने 8000 बैग यूरिया के लिए
खाद आने की खबर लगते ही काफी तादाद में किसान मंडी में वितरकों के यहां पहुंच गए. वितरकों के द्वारा किसानों को प्रति आधार कार्ड पर 5 बैग यूरिया दिया गया. कम मात्रा में यूरिया आने के कारण सभी किसानों को खाद नहीं मिल पाया, वहीँ बहुत से किसानों को निराश होकर लौटना पड़ा. किसानों का कहना था कि खेतों में यूरिया की जरूरत है तथा यूरिया के बिना उनकी फसलें खराब हो रही हैं.
सीजन के शुरुआत में ही खाद की कमी ने हम सभी को परेशानियों में जाकर लिया है, जो कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. वहीँ दूसरी और किसानों को प्रति आधार कार्ड महज पांच बैग ही दिए जा रहे हैं, जबकि उन्हें यूरिया की ज्यादा जरूरत है. किसानों का कहना है कि बारिश होने के उपरांत खेतों में यूरिया की बेहद आवश्यकता है. ऐसे में खाद की कमी से किसान बौखल गए हैं.