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Updated on: 6 January, 2023 4:27 PM IST
Agromet Advisory for Farmers

देश के अधिकांश राज्यों में बहुत तेज ठंड पड़ रही है. ऐसे में इसका असर किसानों की फसलों पर भी पड़ सकता है. इसलिए मौसम विभाग समय-समय पर मौजूदा मौसम को देखते हुए किसानों के लिए कृषि परामर्श (Agromet advisory) यानी खेती-बाड़ी से जुड़ी सलाह जारी करता है.

Agromet Advisory for Farmers

इसमें बताया गया होता है किसान मौजूदा वक्त में अपनी फसलों की सुरक्षा किन तरीकों को अपनाकर कर सकते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं अलग-अलग राज्यों के लिए जारी एग्रोमेट एडवाइजरी की कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिसे अपनाकर किसान इस भीषण पाले से अपनी फसलों की रक्षा कर आने वाले वक्त में अच्छी पैदावार ले सकता हैं.

पंजाब के किसान मौजूदा वक्त में करें ये जरूरी काम

गेहूं की फसल

इस अवधि के दौरान फसल की बुवाई के बाद (सिंचाई के एक सप्ताह पहले या बाद में) 10-15 दिनों के अंतराल पर दो बार 2% जिंक फास्फाइड के साथ हैप्पी सीडर के साथ गेहूं की फसल में कृंतक कीटों का प्रबंधन करें.

गेहूं की फसल में फालेरिस माइनर के प्रभावी नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी की अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग करें.

यदि गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी के कारण पत्तियों का पीलापन दिखाई दे तो फसल पर मैंगनीज सल्फेट का छिड़काव करें.

गंधक की कमी के लक्षण दिखाई देने पर एक क्विंटल जिप्सम/एकड़ बिखेरें और हल्की सिंचाई करें या यदि मिट्टी में नमी की स्थिति हो तो इसे गुड़ाई करके मिला दें.

तिलहन

चूंकि आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद हैइसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे तिलहनी फसलों की आवश्यकता के आधार पर सिंचाई करें. स्क्लेरोटिनिया तना सड़न प्रबंधन की अवधि के दौरान सरसों/राया की सिंचाई न करें.

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सब्जियां

अगेती झुलसा से आलू की फसल को बचाने के लिए 7 दिन के अंतराल पर इंडोफिल एम-45/मास एम 45/मार्कजेब/एंट्राकोल/कवच 500-700 ग्राम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 डब्ल्यूपी/मार्क कॉपर 750- 1000 ग्राम/एकड़ 250- 350 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. अगेती उपज प्राप्त करने के लिए ककड़ी की बुआई लो टनल तकनीक से की जा सकती है.

पशुपालक

दूध निकालने के बाद कभी भी दूध के थनों पर नहीं मलना चाहिए. घायल टीट्स के लिए नियमित रूप से टीट डिप्स (1:4 के अनुपात में ग्लिसरीन और आयोडीन) का प्रयोग करें. पशुओं में सूजन को रोकने के लिए बरसीम को गेहूं के भूसे जैसे सूखे चारे के साथ मिलाएं. कभी भी चावल की भूसी को अकेले न खिलाएंइनके अलावा पशुओं को टिमपोल चूर्ण (50-60 ग्राम) या ब्लोटोसाइल (70-100 मिली) आवश्यकतानुसार दिया जा सकता है.

इन दिनों तापमान कम होने के कारण पोल्ट्री शेड के खिड़कियों पर पर्दा लगा दें और अमोनिया के जमाव से बचने के लिए धूप की तरफ खुला रखें. मुर्गियां देने के लिए शेड के अंदर का तापमान 75°F (24oC) से कम नहीं होना चाहिए. शेड में नमी का स्तर 65% पर बनाए रखने के लिए वाष्पीकरण के लिए गर्मी स्रोत के पास पानी का बर्तन रखें. कुक्कुट के राशन में प्रोटीन अधिक होना चाहिए. इसलिए राशन में सोयाबीन आदि बढ़ा दें. इसके सेवन से मुर्गियां गर्म रहेंगी.

हरियाणा के किसान अभी ही कर लें ये जरूरी कार्य

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों को शीत लहर की स्थिति से बचाने के लिए हल्की और बार-बार सिंचाई करें.

गेहूं- गेहूं की फसल में फालेरिस माइनर (Phalaris minor) के प्रभावी नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी की संस्तुत मात्रा का ही प्रयोग करें. यदि गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी के कारण पत्तियों का पीलापन दिखाई दे तो फसल पर मैंगनीज सल्फेट का छिड़काव करें.

गन्ना- सर्दियों के महीनों में नियमित रूप से गन्ने की फसल में हल्की सिंचाई करें.

Agromet Advisory for Farmers

हिमाचल प्रदेश के किसान ध्यान दें

गेहूं- गेहूं में रासायनिक खरपतवार नियंत्रण के लिए आइसोप्रोट्यूरोन (75WP) @ 70 ग्राम + 2,4D (80 WP) @ 50 ग्राम या क्लोडिनाफॉप 24 ग्राम (10WP) या 16 ग्राम (15 WP) प्रति कनाल के 35-40 दिनों के बाद छिड़काव करें. बुवाई यानी 2-3 पत्ती अवस्था क्लोडिनाफॉप स्प्रे के 2-3 दिनों के बाद2,4-डी 50 ग्राम / कनाल लागू करें. एक हेक्टेयर के लिए घोल बनाने के लिए 30 लीटर पानी का प्रयोग करें.

सेब- मृदा विश्लेषण के लिए मिट्टी के नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला में भिजवाएं. नई पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदते रहें. सेब की क्यारियां खोदकर जड़ भेदने वाले कीड़ों को इकट्ठा कर मार दें उसके बाद क्लोरपाइरीफॉस (20 ईसी) 500 मिली प्रति 100 लीटर पानी में घोल बनाकर सिंचाई करें.

भंडारित अनाज- संग्रहीत अनाज कीटों जैसे राइस वीविललेसर, ग्रेन बोरर और राइस मोथ के हमले के लिए मौसम अनुकूल है. अनाज की दुकान के डिब्बे में बिन के बीच में गीले कपड़े में सेल्हपोस (3 जी) या क्विकफॉस (12 ग्राम) या फ्यूमिनो पाउच का एक पाउच रखें और संग्रहीत अनाज के कीटों को नियंत्रित करने के लिए बिन को कुछ समय के लिए एयरटाइट रखें.

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सरसों- सापेक्ष आर्द्रता को ध्यान में रखते हुए सफेद रतुआ के हमले से बचने के लिए किसानों को सरसों की फसल की निगरानी करने की सलाह दी जाती है. यदि संक्रमण अधिक हो तो डाइथेनएम-45 @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि सरसों की फसल में एफिड के हमले की निगरानी करें.

चाय- चाय के बाग में खरपतवार के नियंत्रण के लिए खरपतवार पर ग्लाइफोसेट 2.5 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें.

जम्मू-कश्मीर के किसान जल्दी करें ये काम

रबी की फसलें (भूरी सरसोंगेहूंजईमटर और मसूर)

सर्दियों के दौरान सरसोंगेहूंपानी के ठहराव से बचने के लिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें.

चारा फसलें

सर्दियों के दौरान पानी के ठहराव से बचने के लिए खेतों में पर्याप्त जल निकासी चैनलों को बनाए रखना चाहिए.

केसर

सर्दियों के दौरान पानी के जमाव से बचने के लिए खेत में उचित जल निकासी नालियों का रखरखाव करें.

Agromet Advisory for Farmers

भेड़ और बकरी

गर्भवती भेड़ और बकरी को भीड़भाड़ से बचाएं. गर्भवती पशु का ईटीवी टीकाकरण सुनिश्चित करें. गर्भवती पशु को सांद्र आहार के साथ 30 से 50 ग्राम गुड़ प्रदान करें. मेमने के प्रदर्शन में सुधार के लिए 1 से 1.5 किलोग्राम सूखा चारा का उचित पोषण सुनिश्चित करें. पशुओं को पानी पिलाने के लिए बाहर ले जाएं. यह गर्भावस्था के विषाक्तता से बचने के लिए गर्भवती पशुओं के व्यायाम को सुनिश्चित करेगा. गर्भधारण विषाक्तता से बचने के लिए यदि संभव हो तो शलजम 200 से 300 ग्राम प्रति गर्भवती पशु को दें. हानिकारक गैसों के संचय से बचने के लिए पशु घरों/शेडों में उचित वेंटिलेशन प्रदान करें. पशुओं के शेड में और उसके आसपास स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखी जानी चाहिए.

नोट- इस लेख में दी गई जानकारी मौसम विभाग द्वारा अलग-अलग राज्यों के लिए जारी एग्रोमेट एडवाइजरी से ली गई है, ये सलाह मौजूदा वक्त के मौसम के मद्देनजर दी गई है.

Agromet Advisory for Farmers
English Summary: Farmers should save their crops from frost by adopting these methods, severe cold will not cause crop loss!
Published on: 06 January 2023, 04:51 PM IST

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