ग्रेटर नोएडा में 40 गांवों के किसानों का भारी विरोध प्रदर्शन और महापंचायत देखने को मिल रहा है. ये किसान बीते 21 दिनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
15 मई को किसानों का प्रदर्शन हुआ उग्र
किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध जता रहे हैं. बीते दिन 15 मई को किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर भारी संख्या में किसानों का जमावड़ा देखने को मिला, जिसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया. 15 मई को हुए इस विरोध प्रदर्शन में 40 गांवों के पीड़ित किसानों ने विरोध जताया. इस दौरान पीड़ित किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ वादा धोखेबाजी के नारे लगाएं. इस किसान प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान सभा कर रहा है.
13 साल पुरानी मांगों को लेकर किसानों कर रहे विरोध
बता दें कि किसानों का ये विरोध प्रदर्शन का मामला 13 साल पुराना है. किसान ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ 13 साल पहले किए गए वादे को पूरा नहीं करने की वजह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा 13 साल पहले किए गए वादे को अब तक पूरा नहीं किया गया है.
किसानों की क्या हैं मांगे
10 प्रतिशत विकसित आवासीय भूखंड समान रूप से मिलने चाहिए
प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में किसानों को 17.5% कोटा की बहाली की मांग
प्राधिकरण क्षेत्र में लगने वाले उद्योग-धंधों में क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाएं
किसानों को मिलने वाले प्लाट का न्यूनतम साइज 120 वर्ग मीटर किया जाना चाहिए
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4 गुना सर्किल रेट मुआवजा
किसानों के भूखंडों पर लगी पेनल्टी जल्दी से जल्दी समाप्त की जाए
प्राधिकरण गांव में सड़क और नाली की व्यवस्था दुरुस्त करें
किसानों की मानें तो जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता और उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तब तक वह अनिश्चितकालीन धरने पर ही बैठे रहेंगे.