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Updated on: 12 December, 2020 10:25 AM IST
Farmers Protest 2020

पंजाब, हरियाणा और देश के तमाम राज्यों से दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे किसान कृषि कानून के खिलाफ कड़ाके की ठंड में 16 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन मे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं. केंद्र सरकार द्वारा लाख समझाने के बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. वे एक इंच पीछे हटना नहीं चाहते हैं. इधर, केंद्र सरकार कृषि कानून को रद्द, तो दूर इसके बारे में सोच भी नहीं रही है. हालांकि सरकार इसमें संशोधन के लिए तैयार है, जो किसानों को मंजूर नहीं है. इस बीच सवाल उठना जायज है कि अब किसान आगे क्या करेंगे?

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानून 2020 पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि हम इसमें संशोधन के लिए तैयार हैं. लिखित में देंगे कि एमएसपी खत्म नहीं की जाएगी. इसके कुछ देर बाद ही किसानों की प्रतिक्रिया आई. किसानों ने भी साफ कहा कि अगर कृषि कानून रद्द नहीं होंगे, तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे.

सरकार के मंसूबों से पता चलता है कि कृषि कानून वापस नहीं होने वाला है. इसके बाद किसानों के पास दो विकल्प मौजूद हैं. पहला, कृषि कानून में संशोधन के लिए तैयार हो जाए या दूसरा, आंदोलन को और तेज करें. तमाम हाईवे को जाम कर दें. देश की जनता को अपनी समस्याएं बताएं और उन्हें भी इस आंदोलन का हिस्सा बनाएं. साथ ही जहां-जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उस प्रदेश के भाजपा नेताओं का घेराव करें.

किसान इसी राह पर चल भी रहें हैं. उनका कहना है कि हमने सरकार को 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया था. अगर पीएम ने हमारी बातों को नहीं सुना और कानून रद्द नहीं किया, तो सारे धरने रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे. वहीं, किसान 14 तारीख को बड़ा प्रदर्शन कर सकते हैं. इसको लेकर भी अंदर सुगबुगाहट तेज है. हालांकि इसके बाद भी सरकार मान जाए इसमें संदेह है, क्योंकि भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल है और कहीं से भी तत्काल सरकार जानें का डर नहीं है.

English Summary: Farmers protest over farm act 2020 continue
Published on: 12 December 2020, 10:29 AM IST

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