सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 26 November, 2019 12:38 PM IST

आज पंजाब के बठिंडा में किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया है. ये प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा ने धान की पराली जलाने वाले किसानों पर पर्चे और जुर्माना लगाने को लेकर किया है. इस दौरान किसानों ने मिनी सचिवालय के सामने महिला थाने के बाहर धरना-प्रदर्शन भी किया. साथ ही गुस्साए किसानों ने महिला थाने के के गेट पर स्पीकर भी टांग दिया. तो वहीं डीएसपी का जमकर विरोध किया. बता दें कि किसानों के कड़े विरोध के आगे प्रशासन बहुत बेबस नजर आया. जब पुलिस कर्मचारियों ने महिला थाने के गेट से स्पीकर हटवाया, तो किसानों ने सामने पेड़ पर टांग दिया, लेकिन किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी रहा और नारेबाजी करते हुए पर्चे और जुर्माना रद करो के नारे लगाए.

दरअसल भाकियू एकता उग्राहा और भाकियू एकता डकौंदा के सांझा आह्वान पर ब्लॉक नथाना, ब्लॉक संगत व ब्लॉक बठिंडा से सैकड़ों किसान मिनी सचिवालय के बाहर इकट्ठा हुए. यहां से मार्च निकालकर महिला थाने के सामने धरना दिया. इस प्रदर्शन को लेकर किसानों का कहना है कि प्रदूषण के लिए अकेले किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि 92 प्रतिशत प्रदूषण कारखाने, ईट भट्‌ठे, ट्रांसपोर्ट से बढ़ रहा है, जबकि किसानों के पराली जलाने से सिर्फ 8 प्रतिशत प्रदूषण ही होता है.

किसान नेताओं की मांग है कि किसानों पर दर्ज पर्चे और जुर्माने को रद्द किए जाए. साथ ही माल रिकार्ड में की गई एंट्री को खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल का फैसला है कि 2 एकड़ वाले किसानों को खेती मशीनरी मुफ्त मुहैया करवाई जाए, जबकि 5 एकड़ तक वाले किसानों को 5 हजार और 5 एकड़ से ज्यादा वाले किसानों को 15 हजार रुपए तक मशीनरी पर सब्सिडी मुहैया करवाई जाए, लेकिन सरकार ने ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले को लागू न करके किसानों पर ही केस दर्ज कर दिए है. तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस भी नहीं दिया गया. जिसकी वजह से किसान पहले से ही नाराज है. अब धान की पराली जलाने वाले किसानों पर पर्च और जुर्माना न लगाया जाए. किसानों का कहना है कि सरकार को उनकी मांगे पूरी करनी होंगी.

English Summary: farmers protest against stubble burning Fine know more about this news
Published on: 26 November 2019, 12:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now